*खेलने गये छह बच्चे गायब की खबर से पुलिस की नीदं हुई हराम*
*थानेदार की सूझबूझ और त्वरित करवाई से आधा दर्जन मासूम बच्चे गलत हाथों में पड़ने से बचे।*
*जगन्नाथपुर पुलिस ने ग्रामीणों की मदद से छिरियानहर जंगल मे भटके छः बच्चों को छः घण्टे में बरामद कर परिजनों को सौंपा*
जगन्नाथपुर :- एक ओर जहां रोजाना चाइल्ड ट्रैफिंग का मामला सामने आ रहा है वहीं अभिभावकों की उदासीनता से आए दिन ऐसी घटना को बल मिल रहा है। जगन्नाथपुर पुलिस को गुरुवार रात जैसे ही आधा दर्जन मासूम बच्चों के गायब होने की गुप्त सूचना मिली पुलिस तुरन्त हरकत में आ गई। थाना प्रभारी मधुसूदन मोदक की सूझबूझ और त्वरित कार्रवाई से अनहोनी टला।
मामला जगन्नाथपुर थाना अंतर्गत जैतगढ़ पंचायत के गुटुसाई गांव की है। रात्रि 9-30 बजे जगन्नाथपुर थाना प्रभारी मधुसूदन मोदक को दुरभाष से सूचना मिली,कि गुटूसाई गांव से 6 मासूम बच्चे गायब हैं।
खबर पाकर करीब 10-30 बजे गांव पहुंचे। बच्चो के लापता होने की खबार तो सच थी पर अभिभावकों या ग्रामीणों ने बच्चे कहाँ ओर कैसे लापता हुए इस बात से अनभिज्ञता जताई, इससे पुलिस की परेशानी बढ़ने लगी। वही एक ग्रामीण ने कहा की एक बच्चा वापस आ गया है उसके घर पुलिस गई बच्चा सोया हुआ था उसे जगाकर पुछा जाने लगा तो मां कुछ नही बोलने के लिए बच्चों को हो भाषा में बोलने लगी । वापस आये लाधुरा हो (7 वर्ष ) ने पुलिस को बच्चों के गुमशुदगी की असल कहानी बताई।
उसने कहा शाम को 6 बजे उसके साथ खेलते हुए कांगिरा नदी पार हुए थे वहां लौट आया है। बाकी नदी के उस पार है। तब थाना प्रभारी मधुसूदन मोदक ने ग्रामीणों के सहयोग से नदी पार होकर 3 किलोमीटर दूर छिरियानहर जंगल से 3 बजे भोर को बच्चों को बरामद किया।
थाना प्रभारी ने बच्चों के अभिभावकों को बच्चों की परवरिश ढंग से करने की नसीहत देकर बच्चों को उनके हवाले कर दिया। श्री मोदक ने आम लोगों से बच्चों के प्रति गंभीर होकर परवरिश करने और बच्चों की ठीक से देख देख करने का आह्वान किया।
*खतरनाक है छिरियानहर जंगल:-* जंगल काफी खतरनाक है यह जंगल तीन जिलों में बसा हुआ है पश्चिमी सीमाओं के संगम पर स्थित है। जंगल साँप, बिच्छू, जंगली जानवर सहित कई वारदातों और अपराधियों की पनाहगाह के रूप में जंगल की पहचान है अपराधियों की पनाहगाह के रूप में जंगल की पहचान है इस प्रकार मासूम बच्चे पुलिस की त्वरित कारवाई से गलत हाथों से पड़ने से बचे।
*गुमशुदगी के बाद बरामद बच्चे :- शंभू लागरी (8) अरुण गगराई(6 )डेबरा सिंकु(9)रामचंद्र बोबोंगा(5) रंजीत बोबोंगा(6) लक्ष्मण सिंकु(7)*
*मिशन टीम में शामिल पदाधिकारी:- थाना प्रभारी मधुसूदन मोदक, एएसआई तारकनाथ सिंह, मनोज कुमार ,चालक प्रकाश बेहरा.*
*सहयोग करने वाले ग्रामीण :- दिलीप सिंकु, रमेश गागराई, सोनाराम महतो, लक्ष्मी गगराई, छोटू मिश्रा, गुटु बोबोंगा, शिपु जीत आदि*
*थानेदार की सूझबूझ और त्वरित करवाई से आधा दर्जन मासूम बच्चे गलत हाथों में पड़ने से बचे।*
*जगन्नाथपुर पुलिस ने ग्रामीणों की मदद से छिरियानहर जंगल मे भटके छः बच्चों को छः घण्टे में बरामद कर परिजनों को सौंपा*
जगन्नाथपुर :- एक ओर जहां रोजाना चाइल्ड ट्रैफिंग का मामला सामने आ रहा है वहीं अभिभावकों की उदासीनता से आए दिन ऐसी घटना को बल मिल रहा है। जगन्नाथपुर पुलिस को गुरुवार रात जैसे ही आधा दर्जन मासूम बच्चों के गायब होने की गुप्त सूचना मिली पुलिस तुरन्त हरकत में आ गई। थाना प्रभारी मधुसूदन मोदक की सूझबूझ और त्वरित कार्रवाई से अनहोनी टला।
मामला जगन्नाथपुर थाना अंतर्गत जैतगढ़ पंचायत के गुटुसाई गांव की है। रात्रि 9-30 बजे जगन्नाथपुर थाना प्रभारी मधुसूदन मोदक को दुरभाष से सूचना मिली,कि गुटूसाई गांव से 6 मासूम बच्चे गायब हैं।
खबर पाकर करीब 10-30 बजे गांव पहुंचे। बच्चो के लापता होने की खबार तो सच थी पर अभिभावकों या ग्रामीणों ने बच्चे कहाँ ओर कैसे लापता हुए इस बात से अनभिज्ञता जताई, इससे पुलिस की परेशानी बढ़ने लगी। वही एक ग्रामीण ने कहा की एक बच्चा वापस आ गया है उसके घर पुलिस गई बच्चा सोया हुआ था उसे जगाकर पुछा जाने लगा तो मां कुछ नही बोलने के लिए बच्चों को हो भाषा में बोलने लगी । वापस आये लाधुरा हो (7 वर्ष ) ने पुलिस को बच्चों के गुमशुदगी की असल कहानी बताई।
उसने कहा शाम को 6 बजे उसके साथ खेलते हुए कांगिरा नदी पार हुए थे वहां लौट आया है। बाकी नदी के उस पार है। तब थाना प्रभारी मधुसूदन मोदक ने ग्रामीणों के सहयोग से नदी पार होकर 3 किलोमीटर दूर छिरियानहर जंगल से 3 बजे भोर को बच्चों को बरामद किया।
थाना प्रभारी ने बच्चों के अभिभावकों को बच्चों की परवरिश ढंग से करने की नसीहत देकर बच्चों को उनके हवाले कर दिया। श्री मोदक ने आम लोगों से बच्चों के प्रति गंभीर होकर परवरिश करने और बच्चों की ठीक से देख देख करने का आह्वान किया।
*खतरनाक है छिरियानहर जंगल:-* जंगल काफी खतरनाक है यह जंगल तीन जिलों में बसा हुआ है पश्चिमी सीमाओं के संगम पर स्थित है। जंगल साँप, बिच्छू, जंगली जानवर सहित कई वारदातों और अपराधियों की पनाहगाह के रूप में जंगल की पहचान है अपराधियों की पनाहगाह के रूप में जंगल की पहचान है इस प्रकार मासूम बच्चे पुलिस की त्वरित कारवाई से गलत हाथों से पड़ने से बचे।
*गुमशुदगी के बाद बरामद बच्चे :- शंभू लागरी (8) अरुण गगराई(6 )डेबरा सिंकु(9)रामचंद्र बोबोंगा(5) रंजीत बोबोंगा(6) लक्ष्मण सिंकु(7)*
*मिशन टीम में शामिल पदाधिकारी:- थाना प्रभारी मधुसूदन मोदक, एएसआई तारकनाथ सिंह, मनोज कुमार ,चालक प्रकाश बेहरा.*
*सहयोग करने वाले ग्रामीण :- दिलीप सिंकु, रमेश गागराई, सोनाराम महतो, लक्ष्मी गगराई, छोटू मिश्रा, गुटु बोबोंगा, शिपु जीत आदि*
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