शांतिपूर्ण मतदान सम्पन्न कराने की लेकर किया गया मिलन समारोह

फोटो चतरा डीएसपी
कान्हाचट्टी (अभिषेक सिंह ): राजपुर थाना परिसर में सोमवार को पुलिस पब्लिक  मिलन समारोह का आयोजन किया गया यह आयोजन 2019 विधानसभा चुनाव शांतिपूर्ण संपन्न होने के उपलक्ष्य में राजपुर पुलिस द्वारा आयोजित किया गया  l मौके पर शामिल होने वाले प्रखण्ड के सभी जनप्रतिनिधि एवम बुद्धिजीवियों को चुनाव शांति पूर्ण सम्पन्न कराने में सहयोग करने के लिए बधाई दिए मुख्य अतिथि डीएसपी वरुण देवगम व अभियान डीएसपी निगम प्रसाद ,एसडीपीओ वरुण रजक ने लोगो को धन्यवाद दिए साथ ही नए वर्ष की शुभकामनाएं दी श्री देवगन ने जनप्रतिनिधियों को संबोधित करते हुवे कहा कि कान्हाचट्टी प्रखण्ड में हर साल बड़ी पैमाने पर पोसते की खेती होते रही इस पर पुलिस हद तक काबू भी पाई है l  इस खेती को पूर्ण रूप से बंद करने में पुलिस के साथ साथ जनप्रतिनिधि व आमलोग का सहयोग भी जरूरी है मौके पर मौजूद उतरी वन प्रमंडल के रेंजर अशोक कुमार ने वन भूमि पर पोसते की खेती करने वाले लोगों की गुप्त सूचना देने की बात कही इन्होंने कहा कि बड़े पैमाने पर लोग वन भूमि पर पोसते की खेती करते है l आगे श्री देवगन ने सभी विभाग के पदाधिकारियों व जनप्रतिनिधियों से अपील करते हुवे कहा कि पोसते की खेती को पूर्ण रूप से बंद किया जाय इसके लिए सभी को मिलकर कार्य करने की जरूरत है l साथ ही लोगो को इसके दुसप्रभाव व बुराइयों को जागरूकता चलाकर बताने की अपील की l इसी बहाने थाना परिसर में पार्टी का भी आयोजन किया गया l सभी अधिकारियों जनप्रतिनिधियों व आम बुद्धिजीवियों ने मिलकर भोजन किया मौके पर इस्पेक्टर लवकुमार,थानाप्रभारी शशिभूषण कुमार, प्रमुख रुना देवी, समाजसेवी अरुण सिंह, एस आई विकाश कुमार, योगेश यादव, राजेन्द्र राम, सुरेश यादव, राजेश दास, बैजनाथ सिंह, जगदीश दांगी, मो शेरशाह, राकेश सिंह के साथ सैकड़ों प्रशासनिक पदाधिकारी मौजुद थे l

नोट :- लोगो के साथ बैठक करते डीएसपी एसडीपीओ व अन्य

नववर्ष के आगमन के पूर्व जगन्नाथपुर थाना प्रभारी ने 86 वर्षीय बुजुर्ग मुण्डा को किया सम्मानित





*जिस घर मे बड़े बुजुर्गों का सम्मान होता है वह घर ज़न्नत के समान है: थाना प्रभारी मधुसूदन मोदक।।*

चाईबासा: जगन्नाथपुर थाना प्रभारी मधुसूदन मोदक अपने कार्यशैली से जहाँ क्षेत्र के युवाओं के लिए आदर्श है वही क्षेत्र के बुजुर्गो भी इन्हें अपना दोस्त समझते है। थाना प्रभारी मोदक के कारण क्षेत्र में न सिर्फ शान्ति है बल्कि क्षेत्र के बड़े बुज़ुर्गो का भी मान सम्मान में बढ़ोतरी हुई है, इसी कड़ी को जारी रखते हुए नववर्ष के पूर्व सोमवार को थाना प्रभारी मधुसुदन मोदक ने एक बार फिर लीक से हटकर थाना अन्तर्गत बाँसकाटा गाँव के बुजुर्ग मुण्डा भागीरथी प्रधान, 86 वर्ष को धोती, गमछा, स्वेटर तथा कम्बल देकर सम्मानित करते हुए समाज सेवा की भावना को उजागर किया है।






बता दें कि थाना प्रभारी मोदक ने सोमवार को जगन्नाथपुर थाना क्षेश्र के बाँसकांटा का 86 बर्षीय बुजुर्ग मुण्डा भागीरथी प्रधान को धोती, गमछा, स्वेटर और कम्बल देकर सम्मानित किया। मुण्डा भागीरथी प्रधान वर्ष 1970 से लगातार बाँसकाँटा गाँव के मुण्डा रहकर लोगो की सेवा कर रहे है। श्री प्रधान अपने कुशल कार्यों के लिए समाज और क्षेत्र में इनकी छवि बहुत अच्छी और सराहनीय है। मुण्डा जी ने कहा कि मेरा बेटा संजीव कुमार प्रधान बहुत संस्कारी एवं गुणवान है वह एवं उनकी पत्नी मेरा बहुत खयाल रखते है।

मुण्डा जी को सम्मानित करते हुए थाना प्रभारी मधुसूदन मोदक ने कहा कि बुजुर्गों का मान सम्मान करना हमारी भारतीय संस्कृति की अनूठी परम्परा रही है। हमारे माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी एवं हमारे माननीय मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन जी इनके उदाहरण है जिन्होंने अपने परिवार के साथ समाज के सभी बड़े बुजुर्गों का मान सम्मान करते है। हमे इन महापुरुषों से सबक लेनी चाहिए। जिस घर मे बड़े बुजुर्गों का सम्मान होता है वह घर ज़न्नत के समान है। उन्होंने आगे कहा कि मुण्डा मानकी समाज का एक अभिन्न अंग ही नही बल्कि ग्रामीण व्यवस्था का आधार स्तम्भ भी है। इनके सहयोग से ही गाँव मे जागरुकता लाकर अपराध को रोका जा सकता है। इनको समाज मे सम्मान मिलना चाहिए। ये समाज के राजनीतिक, सामाजिक ,आध्यात्मिक व न्यायिक व्यवस्था का धरोहर हैं।




थाना प्रभारी मोदक ने लोगो से अपील किया कि बच्चों को शिक्षा के साथ साथ अच्छे संस्कार दे ताकि बच्चा एक अच्छा नागरिक बनकर अपने परिवार, गाँव एवं समाज के बड़े बुजुर्गों का मान सम्मान करें । समाज मे अपना, अपना परिवार का नाम तथा अपने क्षेत्र का नाम रोशन भी कर करे।
इस अवसर पर पदमपुर मुण्डा रामजीवन महापात्रा, मुंडाजी का बेटा संजीव कुमार प्रधान, स अ नि उमेश प्रसाद, तारकनाथ सिंह, उमेश कुमार सिंह एवं ग्रामीण उपस्थित थे।

सत्यानन्द भोक्ता (कैबिनेट मंत्री झारखंड सरकार)एंव चाचा जी को मंत्री बनाए जाने पर शिष्टाचार मुलाकात करते हुए

सत्यानन्द भोक्ता  (कैबिनेट मंत्री झारखंड सरकार)एंव  चाचा जी को मंत्री बनाए जाने पर शिष्टाचार मुलाकात करते हुए

 
समाजसेवी गौतम कुमार

यह सरकार भाजपा जैसे भाषण की सरकार नही है :-सत्यानंद भोक्ता

रांची:-झारखंड सरकार में नवनियुक्त मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने दावा किया है कि झामुमो-कांग्रेस-राजद की गठबंधन सरकार 20 साल चलेगी। यह सरकार घर-घर, गांव-गांव पहुंचेगी। वे सोमवार को रांची के राजद कार्यालय में मीडिया से मुखातिब थे। उन्‍होंने कहा कि यह भाजपा की तरह भाषण, राशन की सरकार नहीं है। विभागों के बंटवारे के बारे में उन्‍होंने कहा कि जो भी विभाग मिलेगा, प्राथमिकता तय कर काम होगा।उन्‍होंने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि हमें हराने के लिए पीएम से लेकर अमित शाह तक पहुंचे, पर जनता ने उन्‍हें जवाब दे दिया। 

बिहार में भी भाजपा का यही हश्र होगा:-जयप्रकाश नारायण

मौके पर राजद के झारखंड प्रभारी जय प्रकाश नारायण ने
कहा कि बिहार में भी भाजपा का यही हश्र होगा। महागठबंधन में नीतीश कुमार की वापसी के सवाल पर उन्‍होंने दो टूक कहा कि सवाल ही नहीं उठता।
बता दें कि सत्‍यानंद भोक्‍ता ने हेमंत सोरेन के साथ रविवार को रांची के मोरहाबादी मैदान में मंत्री पद की शपथ ली थी। वे राजद कोटे से मंत्री बनाए गए हैं। महागठबंधन में शामिल राजद ने विधानसभा चुनाव में एक सीट पर जीत हासिल की थी।

*भाजपा को एक नहीं अनेक सबक सीखने होंगे – झारखंड में भाजपा को भाजपा ने ही हराया*!पढ़े पूरी खबर बलबीर दत्त के कलम से

“विचित्र बात यह है कि भाजपा के कई नेताओं को झारखंड में हार का कारण समझ में नहीं आ रहा। समझ में नहीं आने का कारण जानकारी का अभाव ही कहा जायेगा। किसी भी युद्ध की तरह चुनाव-युद्ध में भी  वस्तुस्थिति या जमीनी हकीकत की पूर्व जानकारी नहीं होने, अपनी कमजोरियों और विरोधी पक्ष की क्षमताओं का सही आकलन नहीं होने से रणनीति में जो गलतियां होती हैं उसका खमियाजा भुगतना ही पड़ता है, और यही झारखंड में भाजपा के साथ हुआ है*।”

*“झारखंड के वरिष्ठ नेताओं को झारखंड में पार्टी की भारी शिकस्त का अंदेशा नहीं था। मुख्यमंत्री के दंभ, पार्टी के गलत फैसलों, टिकटों के वितरण में घोर धांधली, अपने लोगों के टिकट अंधाधुंध ढंग से काटने और बाहर के अवांछनीय लोगों को टिकट देने से अनेक कार्यकर्ता और समर्थक नाराज हो गये या उदासीन हो गये। शहरी इलाकों में जहां भाजपा की पहुंच है, मतदान कम हुआ। राजधानी रांची में सबसे कम मतदान हुआ। पार्टी के उम्मीदवार को पिछली बार से करीब 16,000 वोट कम मिले*।”

बलबीर दत्त

भारतीय जनता पार्टी को हाल के दिनों में राज्य विधानसभाओं, विशेषत: झारखंड विधानसभा के चुनाव में झटका लगने के कटु अनुभव के बाद अपनी पूरी चुनावी रणनीति का पुनरावलोकन और उसमें आमूलचूल परिवर्तन करने की आवश्यकता है। जैसे किसी बीमारी को ठीक से समझने के लिए एक योग्य डाक्टर उसकी तह में जाने, रोग का निदान करने के बाद, इलाज की प्रक्रिया शुरू करता है, कुछ ऐसा ही भारतीय जनता पार्टी को करना होगा।
जैसे इमरजेंसी (1975-77) के दौरान सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी की सरकार की गलतियों और ज्यादतियों की जानकारी लोगों को मिलती जा रही थी, लेकिन बहुत-सी जानकारियां इमरजेंसी हटने के बाद मिलीं या ध्यान में आयीं। ठीक इसी प्रकार झारखंड में भाजपा की गलतियों की जानकारी चुनाव के दौर में लोगों को मिल रहीं थीं, लेकिन कई गलतियों की जानकारी चुनाव के बाद प्राप्त हुई। गलत फैसलों के दुष्परिणाम भी सामने आ गये।

*हार के वास्तविक कारण*

विचित्र बात यह है कि भाजपा के कई नेताओं को झारखंड में हार का कारण समझ में नहीं आ रहा। समझ में नहीं आने का कारण जानकारी का अभाव ही कहा जायेगा। किसी भी युद्ध की तरह चुनाव-युद्ध में भी वस्तुस्थिति या जमीनी हकीकत की पूर्व जानकारी नहीं होने, अपनी कमजोरियों और विरोधी पक्ष की क्षमताओं का सही पूर्व आकलन नहीं होने से रणनीति में जो गलतियां होती हैं, उसका खमियाजा भुगतना ही पड़ता है और यही झारखंड में भाजपा के साथ हुआ है।
पार्टी के कई नेता व प्रवक्ता, टीवी न्यूज चैनलों पर और अन्यत्र यह रटते जा रहे हैं कि उन्होंने डेवलपमेंट (विकास) के बहुत काम किये। यह दावा काफी हद तक सही है। लेकिन कुछ करणीम कार्य करने के साथ जो कार्य नहीं किये गये या गलतियां की गयीं, मतदाता उसकी अनदेखी नहीं करता। हमारे देश में आम मतदाता विकास के मुद्दों, आर्थिक नीतियों या घोषणापत्रों के आधार पर घर से वोट डालने नहीं निकलता। मतदान में अन्य कई फैक्टर भी प्रभावी भूमिका निभाते हैं, जिनमें निजी हिताहित और भावनात्मक मुद्दे भी शामिल रहते हैं। विधानसभा चुनावों में तो क्षेत्रीय दल या क्षेत्रीय मुद्दे मतदाताओं को ज्यादा प्रभावित करने की स्थिति में होते हैं। तमिलनाडू जैसे कई राज्य तो ऐसे हैं, जहां राष्ट्रीय दल अपनी जगह नहीं बना पा रहे हैं।

*जीत-हार का सटीक विश्लेषण जरूरी*

हमारे देश के राजनीतिज्ञों की यह खासियत है कि वे चुनावों में अपनी हार को अक्सर शालीनतापूर्वक और खुले दिल से स्वीकार नहीं करते। जनादेश को मान लेना तो एक प्रकार की मजबूरी है, लेकिन हार का वैज्ञानिक और तर्कसंगत विश्लेषण करना भी एक मजबूरी मान लिया जाये तो कोई हर्ज नहीं। बल्कि इसे एक फायदेमंद प्र्रक्रिया और परिपाटी माना जाना चाहिये। अपनी पराजय के लिए बहानेबाजी का आसरा लेना या दूसरों पर दोषारोपण करना स्वयं को छलने के बराबर है।
पराजय की सटीक व्याख्या और विश्लेषण के साथ ही विजय की भी सटीक व्याख्या और विश्लेषण होना चाहिए। कई बार ऐसा पाया गया है कि विजयी पार्टी ने खुद यह नहीं सोचा होता कि उसे इतना बड़ा जनादेश मिल जायेगा। झारखंड विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय मुद्दे जैसे ‘सर्जिकल स्ट्राइक’, धारा 370, राम मंदिर, एन.आर.सी (राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर) और सी.ए.ए. (नागरिकता संशोधन कानून) आदि प्रभावी नहीं हो पाये हालांकि भाजपा ने इनका लाभ उठाने का प्रयास किया। दूसरी ओर इन मुद्दों का विरोध करनेवाले महागठबंधन के नेता यदि यह समझते हैं कि भाजपा की हार में यह भी फैक्टर थे तो उसे भी सही नहीं कहा जायेगा, क्योंकि धरातल पर ये मुद्दे नजर नही आये। धरातल पर केवल और केवल क्षेत्रीय व स्थानीय मुद्दे ही असरदार थे।
पूर्वाग्रह से ग्रस्त होकर या मनचाही अवधारणा के आधार पर कोई राजनीतिक बयान देना ख्याली पुलाव पकाने के बराबर है, जैसाकि आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल के उस बयान से जाहिर होता है जिसमें उन्होंने कहा कि झारखंड का जनादेश नागरिकता संशोधन विधेयक और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर के विरुद्ध जनभावनाओं की अभिव्यक्ति है। दिल्ली में बैठे हुए केजरीवाल क्या यह मानते हैं कि झारखंड विधानसभा का चुनाव इन दोनों राष्ट्रीय मुुद्दों पर एक ‘रेफरेंडम’ (जनमतसंग्रह) था? वस्तुस्थिति यह है कि यहां ये कोई चुनावी मुद्दे नहीं थे।
वैसे भी नागरिकता संशोधन विधेयक पारित होने के बाद जब प्रतिक्रियाएं आनी आरंभ हुई तब तक झारखंड में आधा चुनाव हो चुका था। केजरीवाल को झारखंड में मुख्य राजनीतिक दल के रूप में उभरने वाले झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेताओं से पूछना चाहिए कि क्या उनके चुनाव के मुख्य मुद्दे यही थे?
इस प्रकरण में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव का बयान बहुत विवेकपूर्ण था। उन्होंने कहा कि जब मुख्यमंत्री व प्रदेश अध्यक्ष दोनों हार जायें तो इसका अर्थ है कि सब कुछ ठीक-ठाक नहीं है। यह देखना भी जरूरी है कि स्थानीय नेताओं से कहां चूक हुई।

*गलत फैसलों का दुष्परिणाम*

कभी-कभी चुनाव में किसी पार्टी की एक ही गलती उसका पूरा खेल बिगाड़ देती है, लेकिन झारखंड में भाजपा से एक नहीं एक साथ कई गलतियां हुईं- स्ट्रेटेजी के मामले में और मतदाताओं को रिझाने के मामले में भी।
गलत फैसलों का ही एक परिणाम यह था कि भाजपा ने क्षेत्रीय से ज्यादा राष्ट्रीय मुद्दों को महत्व दिया। झारखंड के मतदाताओं ने मात्र छह माह पूर्व लोकसभा के चुनाव मे भाजपा की झोली भर दी थी। उसे 14 में से 12 सीटें मिलीं। लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी के प्रति दोबारा विश्वास व्यक्त किया था। लोकसभा सीटों के अंतर्गत 57 विधानसभा क्षेत्रों में बढ़त मिली थी। चुनाव में 51 प्रतिशत वोट मिले थे। गठबंधन टूटने से 26 सीटों पर नुक्सान हुआ।
झारखंड में पार्टी की मशीनरी उतनी सक्रिय नहीं थी जितनी कि होनी चाहिए थी। जमीनी स्तर पर काम करने के बजाय हवा-हवाई बातें ज्यादा हो रही थीं। पार्टी के कर्त्ता-धर्ता आत्मतुष्टि के मूड में थे और यह मानकर चल रहे थे कि मोदी जी की सभाएं हो जायेंगी तो सब ठीक हो जायेगा। हवा उनके पक्ष में हो जायेगी। जानकार लोगों का कहना है कि अगर प्रधानमंत्री की 10 और राष्ट्रीय ‘अध्यक्ष अमित शाह’ की 11 रैलियां नहीं होती तो जो 25 सीटें मिलीं शायद वे भी नहीं मिलती। मुश्किल से आधी सीटें मिलती
झारखंड की राजधानी को भाजपा का गढ़ माना जाता रहा है। वर्तमान विधायक और पूर्व मंत्री चंद्रेश्वर प्रसाद सिंह लगातार छठी बार चुनाव जीत गये, लेकिन उन्हें मिलने वाले वोटों की संख्या घट गयी है।

*गठबंधन तोड़ना पड़ा भारी*

झारखंड में आल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) पार्टी भाजपा की सहयोगी पार्टी रही है। पिछली बार दोनों ने मिलकर चुनाव लड़ा था और बहुमत प्राप्त कर लिया था। इस बार सीटों के बंटवारे के विवाद को लेकर दोनों का गठबंधन टूट गया। गठबंधन के लिए आमतौर पर छोटी पार्टियां या क्षेत्रीय पार्टियां ज्यादा सीटों की मांग करती हैं और बड़ी पार्टी या राष्ट्रीय पार्टी ज्यादा सीटें देना नहीं चाहती। सौदेबाजी में गतिरोध उत्पन्न हो जाता है।
लेकिन समझदारी का तकाजा यही है कि कुछ कम-बेशी करके मामले को निपटा दिया जाये। इस बार गठबंधन नहीं होने से भाजपा और आजसू दोनों को भारी नुकसान हुआ। भाजपा की सीटें जहां 37 से घटकर 25 रह गयी, वहीं आजसू की सीटें 7 से घटकर 2 रह गयीं। लेकिन यदि इन पार्टियों को मिले कुल वोटों को जोड़ा जाये तो 16 निर्वाचन क्षेत्र ऐसे हैं जहां दोनों पार्टियों को महागठबंधन से अधिक वोट मिले हैं। यानी गणित के हिसाब से पूर्ण बहुमत मिल सकता था। भाजपा ने ‘अबकी बार 65 पार’ का नारा लगाते हुए अपनी ताकत को जरूरत से ज्यादा आंक लिया था। यह तो वैसा ही हुआ कि ‘आधी छोड़ सारी को धावे, आधी रहे न सारी पावे।’
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने चुनाव अभियान के दौर में ही वस्तुस्थिति को भांप लिया था, इसलिए उन्होंने चुनाव प्रचार के बीच में ही सार्वजनिक तौैर पर कह दिया था कि हम आजसू के साथ मिलकर सरकार बनायेंगे। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी, इसका कोई तात्पर्य नहीं रह गया था।

*अपने नहीं बाहरी लोगों पर भरोसा*

भाजपा ने एक बहुत बड़ी गलती यह की कि चुनाव में बाहर के लोगों को दूसरे दलों से आये या लाये गये 16 लोगों को, पार्टी का टिकट दे दिया। इसका पार्टी के कार्यकर्ताओं, समर्थकों और आम लोगों में बहुत गलत मैसेज गया। प्रश्न है- क्या झारखंड में वर्षों से कार्यरत इस पार्टी को जो कई वर्ष सत्ता में रही उम्मीदवारों का टोटा पड़ गया था? मौजूदा 13 विधायकों का टिकट काट कर जिन लोगों को उम्मीदवार बनाया गया, उनमंे कई संदिग्ध चरित्र के व्यक्ति थे या अवांछनीय तत्व थे। भाजपा में लाये गये इन दलबदलुओं में से कई उम्मीदवार चुनाव हार गये। इस प्रकार कहा जा सकता है कि भाजपा की जीभ भी जल गयी और स्वाद भी नहीं आया।
हद तो तब हो गयी जब बिना किसी जाहिरी कारण के सरयू राय जैसे पुराने और दिग्गज पार्टी नेता का टिकट काट दिया गया। पार्टी ने मुख्यमंत्री रघुवर दास को एकाधिकार दे दिया था। इन्होंने पार्टी का बंटाधार कर दिया। इनका इरादा यह था कि सभी विधायक इनके खेमे के हों, इनकी मुट्ठी में रहे।
सरयू राय को वह अपना प्रतिद्वन्दी मानते थे और निष्कंटक राज करना चाहते थे। सरयू राय ने बगावत कर दी और अपना पुराना निर्वाचन क्षेत्र छोड़कर रघुवर दास के ही निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी और भारी बहुमत से उन्हें हरा दिया। सरयू राय की जीत के लिये भाजपा के ही कई कार्यकर्ताओं ने कार्य किया। इन्हें बागी करार दिया गया, लेकिन इससे पूरी स्थिति में क्या फर्क पड़ता है। जो होना था, हो गया। प्रश्न है- बगावत की नौबत क्यों आयी?

*वोट नहीं डालने वाले भाजपा के ही वोटर थे*

रांची निर्वाचन क्षेत्र में मतदान का प्रतिशत राज्य में सबसे कम करीब 49 प्रतिशत रहा, जबकि यह राजधानी क्षेत्र है और यहां मतदाताओं में अधिकतम पढ़े-लिखे लोग हैं। इसका अर्थ यह हुआ कि आधे लोग वोट डालने ही नहीं आये। पार्टी के कार्यकर्ता हजारों लोगों को बूथों पर ही नहीं ला पाये। भाजपा का प्रभाव शहरी क्षेत्रों में अधिक है और शहरी क्षेत्रों में ही मतदान का प्रतिशतांश कम रहा, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में मतदान 70 से 76 प्रतिशत तक हुआ। ग्रामीण क्षेत्रों में झारखंड मुक्ति मोर्चा का अच्छा-खासा प्रभाव है।
इस बार शहरी क्षेत्रों में व अन्यत्र जो लोग वोट डालने नहीं आये वे भाजपा के ही वोटर थे। ये लोग नाराज थे या उदासीन थे भाजपा को यह पता लगाने की जरूरत है। ऐसा बताया जाता है कि ये लोग नाराज भी थे और उदासीन भी थे। दोनों स्थितियां पार्टी के लिए हानिकर है।

*घर-घर मोदी, घर-घर रघुवर* !

जहां तक नाराजगी की बात है, यहां यह उल्लेख करना उपयुक्त होगा कि राजस्थान में 2018 में विधानसभा चुनाव में यह नारा बहुत चर्चित हुआ था- ‘मोदी तुमसे वैर नहीं, वसुंधरा तेरी खैर नहीं।’ ये लोग भाजपा या मोदी से नाराज नहीं थे, मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से उनकी कार्यशैली और अक्खड़पन से नाराज थे। उन्होंने राजस्थान में भाजपा को हरा दिया। इन्हीं मतदाताओं ने नारे की सार्थकता 6 माह बाद लोकसभा चुनाव में सिद्ध कर दी जब राजस्थान से कांग्रेस का पूरी तरह सफाया कर दिया। लोकसभा की 25 की 25 सीटें 2014 के चुनाव की तरह भाजपा की झोलों में डाल दी।
झारखंड के मामले में जहां राजस्थान के संदर्भ में नारे में ‘वसुंधरा’ शब्द है, वहां ‘रघुवर’ अंकित कर देने से मतदाताओं की भावना प्रकट हो जाती है। रघुवर दास ने ‘घर-घर मोदीह्ण की तरह ह्यघर-घर रघुवर’ का नारा दिया, जो फेल हो गया। शायद रघुवर दास ने अपने को छोटा मोदी समझ लिया था।
झारखंड में भाजपा हाई कमान की गलती यह थी कि उसने रघुवर दास को सरकार और संगठन दोनों के मामले में एकाधिकार दे दिया। तुलसीदास ने कहा है- प्रभुता पाइ काहि मद नाही। सत्ता का नशा बड़ा भयानक होता है। फिर निर्बाध सत्ता का कहना ही क्या। रघुवर दास को मनमानी करने का खूब मौका मिला। जो चाहा, सो किया। टिकट देने में जात-पात, सरकारी अफसरों के पदस्थापन में जात-पात। कई अच्छे अफसरों को हाशिये पर कर दिया गया।
विधानसभा चुनाव में जिसको चाहा, उसको टिकट दिया, जिसको चाहा उसे बाहर से ले आया गया, जिसको चाहा उसे छांट दिया गया। पार्टी में कोई आंतरिक लोकतंत्र नहीं रहा। जिससे सामूहिक निर्णय की प्रथा समाप्त हो गयी। प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव (Election) नहीं, चयन (Selection) होने लगा। यह भी मुख्यमंत्री के विवेक पर छोड़ दिया गया। झारखंड में प्राय: सभी पार्टी अध्यक्ष मुख्यमंत्री की कठपुतली रहे हैं। पार्टी के पदधारियों का चयन भी मुख्यमंत्री ‘प्रसाद पर्यंत’ कर दिया गया।
रघुवर दास ने गृह व वित्त समेत सभी महत्वपूर्ण विभाग अपने पास रखे हुए थे। झारखंड में पार्टी की सरकार का बंटाधार करने में मुख्यमंत्री के दो-तीन नजदीकी अफसरों का भी ‘महान योगदान’ रहा। ये भी अपने को छोटा सुलतान समझने लगे थे। इन्होंने भी खूब गुल खिलाये।
ब्रिटिश इतिहासकार लार्ड एक्टन का कहना था – Power corrupts and absolute power corrupts absolutely  यानी सत्ताधिकार व्यक्ति को भ्रष्ट करता है और पूर्ण सत्ताधिकार व्यक्ति को पूर्णरूप से भ्रष्ट करता है। यह कथन प्रस्तुत मामले में पूरी तरह फिट बैठता है।

*आदिवासियों से मेल-जोल का अभाव*

झारखंड में रघुवर दास पहले गैर आदिवासी मुख्यमंत्री थे। इन्होंने राज्य के अंतर्वर्ती आदिवासी क्षेत्रों में जाकर उनसे मेल-जोल नहीं बढ़ाया। आदिवासी बहुत जजबाती होते हैं। ‘जल, जंगल, जमीन’ उनकी रग-रग में समाये रहते हैं। छोटानागपुर व संताल परगना काश्तकारी कानून में संशोधन कर विकास कार्यों के लिए आदिवासियों की जमीन लेने के प्रावधान से उनमें काफी विक्षोभ फैल गया। आदिवासियों को विश्वास में लेकर ही कानून में रद्दोबदल करना चाहिए था। यह बात अलग है कि राज्यपाल ने विधेयक को लौटा दिया। लेकिन इस प्रयास से आदिवासियों में गलत संदेश गया।
भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने झारखंड में इस तरह की शिकस्त की उम्मीद नहीं की थी। तो भी पार्टी के लिए राहत की बात यह है कि सत्ता विरोधी रुझान के बावजूद उसके पास वोटों का अच्छा-खासा शेयर अब भी मौजूद है। यहां भाजपा को भाजपा ने ही हराया। पार्टी के गलत फैसलों के कारण पार्टी के नाराज व उदासीन कार्यकर्ता और समर्थक, वोट डालने के लिए नहीं पहुंचने वाले भाजपा के वोटर, बागी कार्यकर्ता व नेता- सबका संचित प्रभाव के कारण पार्टी की दुर्गति हुई।

पढे ठंड की खास पेशकस सतीश कुमार पांडेय के कलम से

*हाय रे ठंड जान लेकर ही छोड़ेगा क्या*

*सतीश पांडेय* प्रतापपुर (चतरा)पूस की रात प्रेमचंद की कहानी बहुत पहले पढा था जो इस दृश्य को देखने के बाद वह मानस पटल पर  फिर से बिल्कुल ताजी हो जाती है।

 जी हां मैं इसलिए यह दिखाना बताना चाह रहा हूं कि बढ़ रही ठंड और गिर रहे तापमान के बावजूद प्रखंड के पंचायत स्तर पर अलाव की कोई व्यवस्था नहीं की गई है ।

*कई पंचायत ऐसे हैं जहां कंबल तक वितरण नहीं किया गया है।*

 अलाव जलने के बाद जहां बाबू लोग को कोर्ट पैट  स्वेटर में होने के बावजूद अलाव ताप कर  ठंड से बचने का प्रयास किया जाने का तस्वीर देखने को मिलती रही है। लेकिन ऐसे ऐसे कई गरीब है कई असहाय हैं जिनके तन पर चादर तक नहीं है और कुछ झुरी जलाकर -गिर रहे तापमान खुद को राहत देने का प्रयास करते देखे जा रहे हैं।
लोगों का कहना है कि जो कंबल मिली है वह इस ठंड के लिए ना काफी है।
 फिर भी जो मिला  तो ना से हा तो है।

कुछ लोगों का तो यह भी कहना है कि घर में कई सदस्य हैं ।
*(सदस्य संख्या 2 ,3, 4, 5, 6, 7 ,8 ,कुछ भी हो सकती है )*

और इन सभी सदस्यों पर एक कंबल मिलने से उस कंबल का उपयोग कौन करेगा जबकि बढ़ रही ठंड को लेकर कंबल की उपयोगिता सभी को है इसलिए यह कंबल व्यक्ति नहीं बल्कि परिवार स्तर पर वितरण किए जाने की जरूरत है।
*खैर जो हो हो ठंड बहुत है*

झारखंड बनने के बाद चतरा जिला से सिर्फ सत्यानंद भोक्ता ही मंत्री बने हैं,जिले में खुशी की लहर,देखे वीडियो कैसे नाच कर खुशी इजहार करते है ग्रामीण

चतरा:-झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन के मुख्यमंत्री बनने पर महागठबंधन के कार्यकर्ताओं में खुशी देखी गई। हेमंत के शपथ लेते ही शहर में कार्यकर्ताओं ने जश्न मनाया। ढोल-नगाड़े बजाकर खुशी का इजहार किया। कार्यकर्ताओं द्वारा पटाखे छोड़े गए। महागठबंधन के कार्यकर्ताओं ने कहा कि हेमंत के नेतृत्व में राज्य का चहुंमुखी विकास होगा। महागठबंधन की सरकार सकारात्मक सोच वाली है। इसलिए कांग्रेस-झामुमो व राजद के मंत्री जनता का विश्वास जीतने में कामयाब होगी।वही सत्यानंद भोक्ता को मंत्री बनने पर जिले के जनता काफी खुश नजर आ रहे हैं।ग्रामीणों का कहना है कि चतरा में जितने भी विधायक बने हैं, लेकिन सत्यानंद भोक्ता जैसे कोई विधायक नही बन सके हैं।दिभा मुहल्ला निवासी विजय कुमार चौबे ने कहा कि यह चतरा का सौभाग्य है कि जब से झारखंड बना है ,उस समय से चतरा जिला से 

सिर्फ सत्यानंद भोक्ता ही मंत्री बने हैं।यह तीसरा मौका है जब सत्यानंद भोक्ता तीसरे बार मंत्री बने हैं।

पति को शक था, पत्नी किसी लड़के से करती है प्रेम ,पत्नी की किया हत्या


चक्रधरपुर : चक्रधरपुर थाना अंतर्गत बुढ़ीगोड़ा चर्च के समीप गांव के युवक ने अपनी ही पत्नी की हत्या शक के आधार पर कर दी। पति को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। जैसे ही आरोपित को चक्रधरपुर थाना लाया गया उसकी तबीयत बिगड़ गई। जिसके बाद उसे इलाज के लिए अनुमंडल अस्पताल में भर्ती कराया गया। जानकारी के अनुसार बुढ़ीगोड़ा चर्च के पीछे रहने वाले रामराय पुरती उर्फ संजय शनिवार की रात अपनी पत्नी दो बच्चियों की मां कंचवती पुरती (30) की गले में फंदा लगा कर हत्या कर दी। इसके बाद इसे आत्महत्या का रूप देने के लिए घर के लकड़ी में टांग दिया। सुबह इसकी सूचना मिलने पर गांव वालों का जुटान हुआ। ग्रामीणों ने देखा कि महिला का शव जमीन पर है, लेकिन रस्सी गले में फंसी है और वह रस्सी घर की छप्पर के लकड़ी में टंगी है। बताया जाता है कि पति को शक था कि पत्नी किसी लड़के से बात करती है। इसी शक के आधार पर ही उसने पत्नी की हत्या कर दी। इधर, मामले की जानकारी मिलने पर चक्रधरपुर थाना प्रभारी प्रवीण कुमार ने पुलिस बल के साथ घटनास्थल पहुंचकर मामले की छानबीन की। ग्रामीणों से पूछताछ करने और शव देखने के बाद पुलिस ने महिला की हत्या की आशंका जताई। वहीं पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर अनुमंडल अस्पताल में पोस्टमार्टम कराने के बाद परिजन को सौंप दिया। बताया जाता है कि महिला के मायके वाले मनोहरपुर से भी पहुंचे। उन्होंने भी घटना स्थल की फोटो देखने के बाद हत्या करने का आशंका जताई है।
दो बच्चियों की मां थी मृतका
मृतक महिला की दो छोटी बच्चियां आसाय पुरती (5) तथा अनिशा पुरती (2.6) है। महिला का पति रामराय पुरती मजदूरी करता था। जबकि मृतक कंचवती पुरती गृहिणी थी। बताया जाता है कि पति नशा भी खूब करता है।
क्या कहते हैं पुलिस अधिकारी
जिस स्थिति में शव मिला है और ग्रामीणों से बातचीत में पता चला है, उससे महिला की हत्या होने की आशंका है। फिलहाल शक के आधार पर पति को हिरासत में लिया गया है। जल्द ही सच्चाई का भी पता चल जाएगा।
- प्रवीण कुमार, थाना प्रभारी चक्रधरपुर।

सड़क दुर्घटना में हाइवा पलट

चतरा:-सदर थाना क्षेत्र के कुल्लू मोड़ भारत गैस गौदाम के समीप एक अनियंत्रित हाइवा सड़क किनारे पलट गया है।हालांकि इस घटना में किसी की जान नही गया, लेकिन घटना बहुत ही दर्दनाक है।घटना शनिवार की 12 बजे रात की है।रविवार को हाइवा को उठा लिया गया था।

रैन बसेरा का औचक निरीक्षण

रैन बसेरा का औचक निरीक्षण
चाईबासा : जिला विधिक सेवा प्राधिकार की सचिव कुमारी जीऊ एवं नगरपालिका के कार्यपालक पदाधिकारी अभय कुमार झा ने शनिवार की रात चाईबासा शहर में स्थित शेल्टर होम व रैन बसेरा का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के क्रम में उनके द्वारा बाबा मंदिर के समीप स्थित रैन बसेरा, अमला टोला शनि मंदिर के सामने स्थित रैन बसेरा, नदी किनारे स्थित रैन बसेरा का निरीक्षण किया।
65 लाख से बन रहा है रैन बसेरा
निरीक्षण के क्रम में यहां पाई गई त्रुटियों के संदर्भ में कुमारी जीऊ ने कार्यपालक पदाधिकारी को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया। वही कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा मंगला हाट के पीछे 65 लाख रुपये की लागत से बन रहे रैन-बसेरा के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उसे चालू होने में अभी कम से कम से कम एक माह का समय और लगेगा। उल्लेखनीय है कि उक्त रैन-बसेरा के बन जाने से लगभग 100 लोगों के ठहरने की व्यवस्था हो जाएगा।
इस कड़ाके के ठंड में कोई खुले आसमान में नही रहे:-कुमारी जीऊ
इस संबंध में जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव कुमारी जीऊ का कहना है कि एक टीम बनाया गया है।उक्त टीम को यह देखना है कि इस कड़ाके की ठंड में कोई भी व्यक्ति जो बेघर हो फुटपाथ में या किसी दुकान या किसी के दरवाजे के फर्श पर सोया हुआ तो नहीं है। वैसी स्थिति में उनकी पहचान कर उन्हें पास के रैन-बसेरा या शेल्टर होम में पहुंचाया जाना है ताकि उन्हें इस कड़ाके की ठंड से बचाया जा सके। यह कार्यक्रम आगे भी लगातार जारी रहेगा

कम्बल का हुआ वितरण

जांच टीम के द्वारा रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, गाड़ीखाना, मधु बाजार, सब्जी मार्केट के पीछे स्थित झुग्गी-झोपड़ी में भी जाया गया एवं नगरपालिका के सहयोग से जरूरतमंदों को कंबल आदि का भी वितरण किया गया। उक्त टीम में जिला विधिक सेवा प्राधिकार के पैनल अधिवक्ता राजाराम गुप्ता, बालाजी बारीक एवं पैरा लीगल वालंटियर मोहम्मद शमीम, उदय शंकर प्रसाद, संजय निषाद, हेमराज निषाद, अरुण विश्वकर्मा, रविकांत ठाकुर, स्नेहलता सांडिल, रत्ना चक्रवर्ती, कोलाय तियु व संजीत कुमार गुप्ता के अलावे चाईबासा नगर पालिका के काफी संख्या में अधिकारी एवं कर्मचारी शामिल थे। 

रैन बसेरा का औचक निरीक्षण

रैन बसेरा का औचक निरीक्षण
चाईबासा : जिला विधिक सेवा प्राधिकार की सचिव कुमारी जीऊ एवं नगरपालिका के कार्यपालक पदाधिकारी अभय कुमार झा ने शनिवार की रात चाईबासा शहर में स्थित शेल्टर होम व रैन बसेरा का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के क्रम में उनके द्वारा बाबा मंदिर के समीप स्थित रैन बसेरा, अमला टोला शनि मंदिर के सामने स्थित रैन बसेरा, नदी किनारे स्थित रैन बसेरा का निरीक्षण किया।
65 लाख से बन रहा है रैन बसेरा
निरीक्षण के क्रम में यहां पाई गई त्रुटियों के संदर्भ में कुमारी जीऊ ने कार्यपालक पदाधिकारी को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया। वही कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा मंगला हाट के पीछे 65 लाख रुपये की लागत से बन रहे रैन-बसेरा के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उसे चालू होने में अभी कम से कम से कम एक माह का समय और लगेगा। उल्लेखनीय है कि उक्त रैन-बसेरा के बन जाने से लगभग 100 लोगों के ठहरने की व्यवस्था हो जाएगा।
इस कड़ाके के ठंड में कोई खुले आसमान में नही रहे:-कुमारी जीऊ
इस संबंध में जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव कुमारी जीऊ का कहना है कि एक टीम बनाया गया है।उक्त टीम को यह देखना है कि इस कड़ाके की ठंड में कोई भी व्यक्ति जो बेघर हो फुटपाथ में या किसी दुकान या किसी के दरवाजे के फर्श पर सोया हुआ तो नहीं है। वैसी स्थिति में उनकी पहचान कर उन्हें पास के रैन-बसेरा या शेल्टर होम में पहुंचाया जाना है ताकि उन्हें इस कड़ाके की ठंड से बचाया जा सके। यह कार्यक्रम आगे भी लगातार जारी रहेगा

कम्बल का हुआ वितरण

जांच टीम के द्वारा रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, गाड़ीखाना, मधु बाजार, सब्जी मार्केट के पीछे स्थित झुग्गी-झोपड़ी में भी जाया गया एवं नगरपालिका के सहयोग से जरूरतमंदों को कंबल आदि का भी वितरण किया गया। उक्त टीम में जिला विधिक सेवा प्राधिकार के पैनल अधिवक्ता राजाराम गुप्ता, बालाजी बारीक एवं पैरा लीगल वालंटियर मोहम्मद शमीम, उदय शंकर प्रसाद, संजय निषाद, हेमराज निषाद, अरुण विश्वकर्मा, रविकांत ठाकुर, स्नेहलता सांडिल, रत्ना चक्रवर्ती, कोलाय तियु व संजीत कुमार गुप्ता के अलावे चाईबासा नगर पालिका के काफी संख्या में अधिकारी एवं कर्मचारी शामिल थे। 

थानेदार ने की अपने सहकर्मी पुलिस पदाधिकारियों के साथ बैठक

*।।  जन-सामान्य के साथ मित्रवत व्यवहार करें- थाना प्रभारी मधुसुदन मोदक।*

 ।।थानेदार ने की अपने सहकर्मी पुलिस पदाधिकारियों के साथ बैठक।।

चाईबासा: जगन्नाथपुर थाना परिसर में थाना प्रभारी मधुसूदन मोदक ने अपने सहकर्मी पुलिस पदाधिकारी एवं पुलिसकर्मियों के साथ रविवार को एक आवश्यक बैठक किये। बैठक में थाना प्रभारी ने थाना में उपस्थित सभी पुलिस पदाधिकारियो एवं पुलिसकर्मियों को शांतिपूर्ण ओर निष्पक्ष विधानसभा चुनाव सम्पन्न करवाने को लेकर धन्यवाद देते हुए कहा कि हम सब ऐसे ही टीम भावना के साथ काम करें ताकि थाना संबंधी हर कार्य शांतिपूर्ण रूप से सम्पन्न हो सके। उन्होंने कहा कि नववर्ष के उपलक्ष्य में गस्ती के दौरान चौकस रहे तथा पिकनिक स्थलों में पिकनिक मनाने के लिए आने वाले सभी आगन्तुक लोगो के साथ मधुर ओर शालीनतापूर्वक व्यवहार करते हुए अपने कर्त्तव्य का निर्वाहन करे। श्री मोदक ने थाना के पदाधिकारियों को निर्देश दिए कि कांड में अभियुक्तों की गिरफ्तारी करें, कांड दैनिकी अद्यतन करें ताकि कांड का निष्पादन सही समय पर किया जाए। माननीय न्यायालय से निर्गत सभी प्रकार के वारंट, इस्तेहार, कुर्की का निष्पादन सही समय पर करें। वरीय पदाधिकारियों से जो भी आदेश, दिशा-निर्देश एवं जांच की जिम्मेदारी मिलती है, उनका निष्पादन समय पर करें, ताकि वरीय पदाधिकारी को ससमय प्रतिवेदन भेजा जा सके। मोदक ने जन-सामान्य के साथ मित्रवत व्यवहार करने, बुजुर्ग एवं महिलाओं का सम्मान करने, गस्ती के दौरान बैंक चैकिंग, पेट्रोल पंप चे¨कग एवं वाहन चे¨कग करने का भी निर्देश दिया। बैठक में अवर निरीक्षक देवशाई भगत, सहायक अवर निरीक्षक उमेश प्रसाद, नंदकिशोर सिंह, तारकनाथ सिह, दिलीप कुमार, पन्नालाल महथा व सोमाय टुडू, हवलदार जोगेश्वर मेहता, चालक प्रकाश बेहरा, मुंशी बिल्लु महतो एवं पुलिस बल शामिल थे।

जगन्नाथपुर पुलिस ने घरों में चोरी करने वाले एक चोर को गिरफ्तार कर भेजा जेल

गिरफ्तार चोर की चेहरा छुपाया हुआ है।
चाईबासा: जगन्नाथपुर पुलिस ने घरों में घुसकर चोरी करने वाले एक चोर मिलु नायक को गिरफ्तार कर रविवार को जेल भेज दिया। थाना प्रभारी मधुसूदन मोदक ने बताया कि नवम्बर माह के प्रथम सप्ताह में पोकाम निवासी बनविहारी प्रधान  के घर में चोरी के नियत से चार चोर घर मे घुस गए औऱ अलमीरा तथा बाक्सा को तोड़कर सोने के जेवरात तथा जेवरात चुरा लिये थे। अलमीरा ओर बाक्सा तोड़ने की आवाज़ से घर का मालिक बनविहारी प्रधान का नींद खुल गई थी। वह  चारो चोरो को घर मे चोरी करते हुए देखकर वह जोर जोर से चोर चोर चिल्लाने लगे जिसकारण आसपास के लोगो ने दौड़ाकर मौके पर ही एक चोर झगड़ू चम्पिया को पकड़ लिया था तथा उसी दिन जगन्नाथपुर पुलिस ने भी छापामारी करते हुए दूसरा चोर माहेश्वर नायक को गिरफ्तार कर लिया था। थाना प्रभारी मोदक ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर शनिवार की शाम को कांड के अनुसंधानकर्ता स अ नि पन्नालाल माहथा द्वारा कांड के तिसरे चोर मिलु नायक को भी गिरफ्तार कर लिया गया तथा रविवार को जेल भेज दिया गया इसप्रकार इसमें अब तक तीन चोरो की गिरफ्तारी हो चुकी है तथा एक आरोपी फरार है।

11वे मुख्यमंत्री बने हेमंत सोरेन, पूर्व कृषिमंत्री सत्यानंद भोक्ता ने भी लिये मंत्री पद का शपथ









रांची:-झारखंड के 11वें मुख्यमंत्री के रूप में झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने शपथ ली है। राज्‍यपाल द्रौपदी मूर्म ने रविवार को रांची के मोरहाबादी मैदान में हेमंत सोरेन को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। सीएम हेमंत सोरेन के साथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव, कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम और राजद के सत्‍यानंद भोक्‍ता ने भी मंत्री पद की शपथ ली। 







इस दौरान मंच पर देश के तमाम दिग्‍गज नेताओं का जमावड़ा लगा रहा। राहुल गांधी, ममता बनर्जी, स्‍टालिन, शरद यादव, सीताराम येचुरी, तरुण गोगोई, अशोक गहलोत, भूपेश बघेल समेत कई भाजपा विरोधी चेहरे एकसाथ नजर आए।






 मुख्‍यमंत्री की ओर से राजभवन को तीन मंत्रियों को शपथ दिलाने के लिए सूची भेजी गई थी। समझा जा रहा है कि खरमास के बाद हेमंत मंत्रिमंडल का विस्तार होगा, जिसमें सभी नामों पर फैसला होगा। फिलहाल कांग्रेस से पांच, झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) से छह और राजद से एक को मंत्रिमंडल में शामिल करने के फॉर्मूले पर महागठबंधन में सहमति बनी है।








 इस बहाने विपक्ष ने पूरी एकजुटता दिखाते हुए शक्ति प्रदर्शन किया। देशभर में एनआरसी, एनपीआर और नागरिकता संशोधन कानून पर विरोध के बीच यह समाराेह मोदी सरकार के धुर विरोधियों के लिए बड़ा मौका साबित हुआ, जहां वे एक साथ मिलकर केंद्र को अपनी ताकत का अहसास करा गए। 





झारखंड में भाजपा को सत्‍ता से बेदखल कर चुनावों में झामुमो, कांग्रेस और राजद के महागठबंधन ने बड़ी जीत हासिल की, इसके बाद देशभर के भाजपा विरोधी दिग्‍गज रविवार को हेमंत सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने रांची पहुंचे। यहां बीती रात से ही अतिथियों के आने का सिलसिला जारी रहा। 



शपथ ग्रहण में काफी खुश दिखे राहुल गांधी

रांची :- झारखंड के मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन के शपथ ग्रहण समारोह में आये कांग्रेस के पूर्व अध्‍यक्ष राहुल गांधी काफी खुश नजर आए।उन्होंने ने सभी अतिथियों से गर्मजोशी से मिले। सभी नेताओं से खासा अपनापन दिखाया। इस दौरान राहुल मेहमान कम मेजबान ज्‍यादा नजर आए। राहुल गांधी मंच पर हेमंत सोरेन के साथ बैठे। उन्‍होंने अपनी सीट से उठकर देश के तमाम दिग्‍गज नेताओं की आगवानी की।राहुल गांधी को देखने से साफ पता चलता था कि राहुल गांधी को लग रहा है कि कांग्रेस की दिन बदलने लगा है।उन्होंने ने ममता बनर्जी, डी राजा, सीताराम येचुरी, शिबू सोरेन, स्‍टालिन, कनिमोझी से मिलकर उन्‍होंने कांग्रेस के बदलते दिन को दिखाया।

शपथ ग्रहण के तुरंत बाद केबिनेट मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने झारखंडवासियों को धन्यवाद दिये


*आपसब के स्नेह और प्यार के कारण आज मैं पुनः कैबिनेट मंत्री बना। सभी झारखंड वासियों को मैं कोटि कोटि प्रणाम करता हूँ, नमन करता हूँ, जोहार करता हूँ। झारखंड में नए सरकार की गठन के लिए मैं पूरे झारखंड वासियों को बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएँ देता हूँ* -
      
              *सत्यानन्द भोक्ता

    *कैबिनेट मंत्री झारखंड सरकार*

जहाँ के लोग शिक्षित हैं ,वहाँ अपराध का ग्राफ कम है— थाना प्रभारी मधूसूदन मोदक


*पद्मावती जैन सरस्वती शिशु विद्या मंदिर जगन्नाथपुर ने मनाया पच्चीसवीं वार्षिकोत्सव*
चाईबासा: जगन्नाथपुर पद्मावती जैन सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में शनिवार को विद्यालय के पच्चीस वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य पर वार्षिकोत्सव कार्यक्रम समारोहपूर्वक मनाया गया। वार्षिकोत्सव कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अथिति प्रान्तीय सचिव मुकेश नंदन व विशिष्ट अथिति थाना प्रभारी मधुसूदन मोदक ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। वार्षिकोत्सव कार्यक्रम में बच्चों ने एकल नृत्य, गायन व सामूहिक नृत्य प्रस्तुत कर उपस्थित लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
*व्यक्ति को किताबी शिक्षा के साथ साथ संस्कारिक शिक्षा भी जरुरी है— मुकेश नंदन*
मुख्य अथिति मुकेश नंदन ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षा सबके लिए जरुरी है। पढ़ाई के साथ-साथ अन्य विधाओं में भी पारंगत होना चाहिए। तभी बच्चे पढ़ाई को बोझ नहीं समझेंगे व उनके प्रतिभा में निखार आयेगा। इसी उद्येष्य से शिशु मंदिर का स्थापना किया गया।इस संस्था में किताबी शिक्षा के साथ साथ संस्कारिक व आध्यात्मिक शिक्षा दी जाती है।
  *जहाँ के लोग शिक्षित हैं वहाँ अपराध का ग्राफ कम है— थाना प्रभारी मधूसूदन मोदक
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विशिष्ट अथिति थाना प्रभारी मधुसूदन मोदक ने विद्यालय परिवार का आभार प्रकट करते हुए कहा कि जब किसी राज्य मे एक विद्यालय की स्थापना की जाती है तो उस राज्य में दो बंदीगृह कम हो जाते है अर्थात शिक्षा का सम्बंध अपराध से भी है। जिस क्षेत्र के लोग पढ़ लिखकर शिक्षित हो जाएंगे उस क्षेत्र में अपराध कम होंगा। जब अपराध कम होंगे तो अपराधी भी नही होंगे तो बंदीगृह की आवश्यकता ही नही होगी। श्री मोदक ने कहा कि आप अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा के साथ अच्छे ज्ञान और अच्छे संस्कार दीजिये ताकि आपका बच्चा सफल होकर समाज मे अपना, अपना परिवार ओर क्षेत्र का नाम रोशन कर सके।
          *पूर्व अध्यक्ष ने दिया विद्यालय वृत चित्र
कार्यक्रम शुभारंभ के बाद स्कूल के पूर्व अध्यक्ष जगदीश सिंकु ने विद्यालय वृत चित्र प्रस्तूत किया। उन्होंने कहा कि विद्यालय में शैक्षणिक व्यवस्था कायम रखने के लिए कई अहम विकास की कार्य की गई है। जिससे बच्चों के साथ-साथ शिक्षकों को भी लाभ मिल रहा है। वही विद्यालय में शत प्रतिशत उपस्थित भैया बहनों को सम्मानित किया गया ।
*                         ये हुए सम्मानित
कक्षा दसम से ज्योती कुमारी गोप, पीयुष कुमार गुप्ता, कमला कुमारी गोप व कक्षा अष्टम से गंगाराम लागुरी आदी शामिल है। वही आदर्श छात्र छात्राओ में कक्षा नवम के सुशांत बोबोंगा, सुनिता कुमारी गोप व कक्षा एक कि पावनी दास शामिल है। कक्षा दसम में सर्वश्रेष्ट प्रदर्शन करने वाले चिंटु साहु शामिल है। सर्वश्रेष्ट नृट्य प्रतियोगीता में शालिनी रॉय नें दर्शको को मंत्रमुग्ध कर दिया।
                *ये थे उपस्थित प्रत्यक्षदर्शी*
मौके पर विद्या विकास समिति के प्रदेश सचिव मुकेश नंदन, इम्तियाज नजिम, जगदीश सिंकु,थाना प्रभारी मधुशुदन मोदक, कृष्ण कुमार सिंह, पशुपतिनाथ चौधरी, धनबहादुर लामा, सीमा पालित, जितेन्द्र गुप्ता, के.डी पंडित, उमेश प्रसाद, बंगाली प्रधान, मोहनलाल गुप्ता, दिप्ती साहु, शीला गुप्ता, प्रमोद शर्मा, धिरज सिंह सहित काफी संख्या में अभिवावक उपस्थित थे।

रामपुर मुखिया ने किया फिता काटकर फेवर ब्लॉक पथ का उद्घाटन



चतरा:-प्रतापपुर
प्रखण्ड के कसमार गांव के तुरी टोला एवं भुईया टोला मे शुक्रवार को रामपुर मुखिया खेदु यादव ने अपने दर्जनो समर्थको व ग्रामीणो के साथ तुरी टोला से कलपु भारती के घर तक तथा प्रेम भारती के घर से चेतना भारती केन्द्र तक दो फेवर ब्लॉक पथ का उद्घाटन किया।यह पथ मुखिया मद के 14 वीं वित से बनाया गया है।दोनो की लम्बाई 200 फिट व 100 फिट है।इस पथ को बनने से तुरी टोला व भुईया टोली के ग्रमीणो ने रामपुर मुखिया खेदु यादव के प्रति आभार व्यक्त किया है।इस उद्घाटन के मौके पर मुखिया के अलावे उपमुखिया आनन्दी साव,रामचन्द्र साव,तुलसी राम,नीरज कुमार,रौशन कुमार ,वार्ड सदस्य संजय राम,शैलेश भारती,सुबोध भारती,सीता राम,संतोष,टिपु,बढन दास,सहित ग्रामीण उपस्थित थे।

गरीबो का क्या कसूर? ठिठुरन में कटेगी गरीबों की रात, वार्ड पार्षदों ने कंबल वितरण से किया इंकार

चतरा:-कड़ाके की ठंड होने के बावजूद जिले में गरीब लोगों के बीच अबतक कंबल का वितरण नहीं हो सका है. इसकी खास वजह कंबल के घटिया आपूर्ति से जुड़ा है. इस वजह से सभी 22 वार्डों के वार्ड सदस्यों ने कंबल का वितरण करने से इंकार कर दिया है.अब सिर्फ एक ही सवाल है कि आखिर गरीबो का क्या कसूर है जो इस कड़ाके के ठंड में भी कम्बल नसीब नहीं हुआ है।आखिर घटिया सामग्री सफ्लाई में दोषी कौन है? क्या दोषिवर पर कार्यवाही होगी ये तो समय ही बताएगा।बताया जाता है कि लातेहार जिला के मेसर्स की ओर से गरीबों के बीच वितरण को ले नगर परिषद को कंबल की आपूर्ति की गई है. इसके लिए संवेदक को प्रति कंबल करीब तीन सौ रुपये का भुगतान किया गया है. शहर के 22 वार्डो के गरीबों के लिए करीब 2100 परिवारों के बीच कंबल का वितरण किया जाना था, लेकिन आपूर्तिकर्ता की ओर से बेहतर कंबल का सैंपल दिखा कर अत्यंत घटिया कंबल की आपूर्ति की गई है. इस वजह से सभी 22 वार्डों के वार्ड सदस्यों ने कंबल का वितरण करने से इंकार कर दिया है.आपूर्तिकर्ता की ओर से भेजे गए कंबल को लेकर वार्ड सदस्यों ने नगर परिषद कार्यालय के बाहर बवाल भी किया है. वार्ड सदस्यों ने कंबल को दिखाते हुए कहा है कि यह कंबल महज पचास से सौ रुपये का है और घटिया स्तर का है. दूसरी तरफ गरीबों का कहना है कि इस साल नगर परिषद की ओर से अबतक कंबल का वितरण नहीं किया गया है, जिसके कारण इस कपकपाती ठंड में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.वहीं, वार्ड पार्षदों ने कहा कि गरीबों के लिए घटिया कंबल की आपूर्ति की गई है. यही वजह है कि आपूर्तिकर्ता से वार्ड सदस्य काफी नाराज हैं और कंबल का वितरण नहीं करने का निर्णय लिया है. वार्ड पार्षदों ने आपूर्तिकर्ता पर आरोप लगाते हुए कहा है कि बढ़िया सैंपल दिखा कर घटिया कंबल की आपूर्ति की गई है. ऐसे में जब गरीबों की ठंड इस कंबल से जाएगी ही नहीं तो उनके बीच उसका वितरण करना मुनासिब नहीं होगा.वार्ड पार्षदों ने शहरवासियों से माफी मांगते हुए कहा है कि जनता उन्हें माफ कर दें. ऐसे कंबल के वितरण से ना सिर्फ नगर परिषद की बदनामी होगी, बल्कि वार्ड पार्षद भी कहीं मुंह दिखाने के लायक नहीं रहेंगे. वार्ड पार्षदों ने कहा है कि अगर इस वर्ष ठंड से किसी गरीब की मौत होती है तो इसका सीधा जिम्मेवार आपूर्तिकर्ता होगा.इस संबंध में नगर अध्यक्ष गुंजा देवी से सम्पर्क किया गया तो उन्होंने ने बताया कि खराब कम्बल के कारण वितरण नही किया गया था, लेकिन आपूर्तिकर्ता के द्वारा कंबल बदल दिया गया है।आज से कम्बल का वितरण किया जाएगा।

अभाविप की नगर इकाई का गठन,कान्हाचट्टी के सुजीत सिंह बने नगर मंत्री



कान्हाचट्टी(अभिषेक सिंह) : आज दिनांक 28दिसम्बर 2019 दिन शनिवार को स्थानीय गौरक्षणि स्थित अभाविप कार्यालय में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद चतरा नगर की बैठक आयोजित किया गया। बैठक में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए विभावि संयोजक श्री प्रवीण कुमार सिंह ने अभाविप के गौरवशाली इतिहास को बतलाया साथ ही उन्होंने विद्यार्थी आंदोलन में अभाविप के योगदान को सबके बीच रखा।





 जिला संयोजक श्री अमन यादव ने परिसद के कार्यप्रणाली को सबके बीच रखा और परिषद के ज्ञान शील एकता के महत्व को बतलाया। विशेष आमंत्रित सदस्य श्री मृत्युंजय सिंह ने परिसद के द्वारा आयोजित छात्र आंदोलन और परिषद के विभिन्न शैक्षणिक गतिविधियों को विस्तार पूर्वक बतलाया। बैठक में जिला संयोजक ने पुरानी इकाई को भंग करते हुए नई इकाई की घोषणा की। जिसमे कान्हाचट्टी प्रखण्ड निवासी सुजीत कुमार सिंह को नगर मंत्री एवम पंकज कुमार दांगी को नगर सह मंत्री बैजनाथ कुमार ,आकाश कुमार,विशाल कुमार को जिला sfd प्रमुख, रोहित पांडेय
जिला सोशल मीडिया प्रभारी,सुधांशु सिंह
नगर कोष प्रमुख ,आनंद पाठक
नगर मिडीया प्रभारी आयुष कुमार शाह
सह प्रभारी  राहुल पांडेय
जिला कार्यालय मंत्री प्रदीप कुमार व कमलेश गंझू को बनाया गया एवम नगर कार्यकारिणी सदस्य सुनील कुमार,उत्तम पांडेय,सन्तु मिश्रा,सागर शर्मा, करण चौबे, आंनद कुमार, बिट्टू कुमार, गोपाल कुमार, सत्यम्म कुमार, प्रणव राज,पंकज कुमार यादव, अनिकेत कुमार। को बनाया गया l धन्यबाद ज्ञापन करते हुए पूर्व नगर मंत्री श्री रितेश कुमार ने सभी को धन्यबाद ज्ञापित किया।

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