सीसीएल की मगध कोल परियोजना प्रबंधन के मनमानी से ग्रामीणों के जान पर आफत
लातेहार।चतरा जिला के टंडवा प्रखंड क्षेत्र में संचालित सीसीएल के मगध कोल परियोजना प्रबंधन के मनमानी से ग्रामीणों के जान पर आफत आ गई है। आरा चमातु कुंडी में मगध कोल परियोजना खुले पांच वर्ष से अधिक होने के बाद भी ग्रामीणों के आवागमन के लिए अलग से सड़क का निर्माण पूरा नहीं हो पाया है। जिस कारण ग्रामीण ट्रांसपोटिंग सड़क से सफर करते हैं। सफर में कई दुर्घटना का शिकार होकर कभी अपना हाथ-पांव तुड़वा बैठते हैं। कभी तो जान से भी हाथ धोना पड़ता है। ये खबर भी पढ़े, गरीबों और माफियाओं के लिए अलग अलग कानून:-रामाअशीष
मगध कोल परियोजना से ग्रामीणों इलाके से प्रतिदिन सैकड़ो गाड़ियों का परिचालन होता है।
तिरपाल ढके बिना कोलवाहन का आवागमन से लोगो को जीना हुआ दुश्वार
कोलवाहन पर एल तीरपाल नहीं ढका होने के कारण कोयले का डस्ट सड़क पर गिरकर जम जाता है और पानी पड़ने पर वह कीचड़ में तब्दील हो जाता हैं। वही त्रिपाल नहीं लगाने से बहुत डस्ट उड़ता है जिससे आम अवाम को दो पहिया व चार पहिऐ वाले वाहन चलाने में असुविधा होती है। दस बजे लेट नही एक बजे भेंट नही, जिले में स्वास्थय विभाग और शिक्षा विभाग का खस्ताहाल
जिससे आए दिन बड़ी बड़ी दुर्घटनाएं होती रहती है। वही उड़ते डस्ट से ग्रामीण गंभीर बीमारी के चपेट में है। इस मामले में सीसीएल प्रबंधक चुप्पी साधे बैठे हैं। मामले में ग्रामीणों ने संबंधित परिवहन विभाग से कारवाई की मांग की है। साथ ही साथ ग्रामीणों ने मीडिया को बताया सीसीएल प्रबंधन द्वारा माईनस खुलवा दिया गया लेकिन सुविधा के नाम पर उन्हें आज तक कुछ नहीं मिल पाया है। ना तो नौकरी और मुआवजा का तो कोई अता पता ही नहीं हैं। भाजपा नेता सह पूर्व विधायक जनार्दन पासवान ने किया क्षेत्र का दौरा, सुने जन समस्या
वही पुनर्वास का नीव रखकर छोड़ दिया गया है। माईनस खुलने के कारण ग्रामीण इलाके में पानी का लेयर चार से छह सौ फीट नीचे तक पहुंच गया हैं। कहा हक अधिकारी की सही मांग के आंदोलन करने पर कई बार झूठे मुकदमे में फसा दिया गया हैं। सूत्रों के माने तो सीसीएल के कई शातिर अधिकारी से नक्सलियों के साठ गाठ कर परियोजना चलाने में व्यस्त हैं।
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