चतरा में होमगार्ड कार्यालय है या लूट का अड्डा
ड्यूटी चाहिए तो 2000, उम्र बढ़ाना-घटाना है तो 20 हजार, अनुकम्पा पर नौकरी लेनी हो तो 50 हजार सबका रेट फिक्स
धर्मेन्द्र पाठक
चतरा : चतरा में एक ऐसा कार्यालय है जहां बिना चढ़ावा चढ़ाए कोई काम नहीं होता है। जी हां हम बात कर रहे हैं गृहरक्षा वाहिनी कार्यालय का। इस कार्यालय में ड्यूटी देने से लेकर सेवानिवृति की उम्र सीमा घटाने व बढ़ाने के नाम पर भी वसूली की जाती है। बात यहीं समाप्त नहीं होती है अगर किसी जवान की मौत ड्यूटी के दौरान हो गयी तो उसके आश्रित को अनुकंपा के आधार पर नौकरी दिलाने के नाम पर भी जमकर वसूली की जाती है, औऱ ये सारा लूट खसोट का खेल कंपनी कमांडर सह कमान अधिकारी प्रभु उरांव के नेतृत्व में खेला जा रहा है और वसूली का कार्य होमगार्ड कार्यालय में पदस्थापित कम्पनी कमांडर के गुर्गों के द्वारा की जाती है। आपको ये भी बता दें कि यहां हर कार्य का रेट फिक्स है। अगर ड्यूटी चाहिए तो 2000 रुपया, अगर उम्र सीमा घटाना बढ़ाना चाहते हैं तो 20 हजार, अगर किसी होमगार्ड जवान की ड्यूटी के दौरान मौत हो गयी है और उसे अनुकम्पा के आधार पर नौकरी दिलवाना हो तो 50 हज़ार रुपये की वसूली खुलेआम की जा रही है। ये आरोप मैं नहीं लगा रहा हूँ। बल्कि गृहरक्षा वाहिनी के जवानों ने ही यह आरोप लगाया है चतरा उपायुक्त को आवेदन देकर मामले की जांच कराने की मांग की है। उपायुक्त को दिए गए आवेदन में उन तीन जवानों के नामों का जिक्र किया गया है जिनके द्वारा अवैध वसूली का खेल खेला जा रहा है। इतने ही नहीं आवेदन में यह भी कहा गया है कि होमगार्ड के जवानों को मिलने वाले मानदेय और इनके द्वारा अर्जित की गई सम्पति (बनाये गए आलीशान मकान व खरीदे गए चारपहिया वाहन) आदि की भी जांच कराने की मांग की गई है। उपायुक्त को दिए गए आवेदन में उपरोक्त वसूली भाइयों के द्वारा प्रताड़ित किये गए करीब एक दर्जन जवानों का हस्ताक्षर दर्ज है।