कान्हाचट्टी (अभिषेक सिंह): जैसे-जैसे वसंत ऋतु नजदीक आ रही है वैसे-वैसे मौसम भी सुहानी होती जा रही है. पेड़-पौधे में भी नई कलियां आने लगी है, चारों ओर सुहानी हवा बहने लगी है,पेड़-पौधे गुनगुनाने लगे है. सुहाना वातावरण और चहल-पहल के साथ ही मानों हर कोई के शरीर में एक नया जोश उत्पन्न हो रहा हो. इसके साथ ही वसंत पंचमी एवं सरस्वती पूजा को लेकर हिंदु धर्म के लोगों में पूजा पाठ को लेकर तैयारी का भी सोंच बढने लगा है. चारों ओर लोग पूजा पाठ के लिए तैयारी में जुट गये है.
मूर्ति तैयार करने में जुटे कलाकार
कहीं मूर्तिकार अपनी प्रतिमा तैयार करने में व्यस्त है तो कहीं पंडित अपनी जजमान को पूजा की तैयारी करा रहे है. वहीं युवाओं में सरस्वती पूजा को लेकर प्रसन्नता है. युवा अपनी विशेष प्रकार की मूर्ति निर्माण कराने के लिए हर मूर्ति कलाकार के पास दौर लगा रहे है,वहीं महंगाई को लेकर भी थोड़ी उनमे हिचकिचाहट आ जाती है,
लेकिन वह अपने आकर्षण मूर्ति को लेकर महंगाई का परवाह नहीं करते. वह मूर्ति कलाकारों को नये डिजाइन के साथ आधुनिक तकनीक से लैस मूर्ति बनाने को लेकर अपनी सोंच कलाकारों को बता रहे है. वहीं कलाकार उनकी चाहत की मूर्ति भी तैयार करने में काफी जोश-खरोश के साथ लगे हुए है l

महंगाई का पड़ रहा पूजा पर असर
बड़े बुजुर्गों का कहना है कि हमलोग जब युवा थे तो उस समय महंगाई बहुत कम थी फिर भी हमलोग मूर्ति निर्माण अपने हाथों से करते थे. जबकि उस समय भी मूर्ति कलाकार थे, लेकिन हमलोगों को अपने से मूर्ति तैयार करने में ज्यादा आनंद आता था. हमलोग सरस्वती पूजा को लेकर जनवरी महिना की शुरुवात होते ही उत्सुकता के साथ पूजा की तैयार प्रारंभ कर देते थे. खैर अब तो महंगाई बढ गयी है, जिसको लेकर पहले जैसा तैयारी अब नहीं देखने को मिल रहा है. फिर भी पूजा अब नये जुग में नय तकनीक से हो रही है.
पुरा प्रखण्ड में इस समय मूर्तिकार मां सरस्वती की प्रतिमा का निर्माण कार्य में लग गये है. प्रखंड के विभिन्न जगहों पर मां सरस्वती की प्रतिमाएं बनाई जा रही है. मालूम हो कि मा सरस्वती की पूजा 29 फरवरी को मनायी जायेगी. मूर्तिकारों के द्वारा पुआल, मिट्टी, बांस की खरीदारी की जा रही है. और मूर्तिकारों के द्वारा मूर्ति निर्माण का कार्य युद्ध स्तर पर चल रही है. मूर्तिकारों ने बताया कि ठंड के दिनों में मिट्टी की मूर्ति को सुखने में ज्यादा समय लगता है इस लिए मूर्ति निर्माण का कार्य पहले से ही शुरू कर दिया जाता है. ताकि मूर्ति समय पर सुख जाये एवं मूर्ति की रंगाई में कठिनाई उत्पन्न न हो. और मूर्ति आकर्षक बन सके. पूजा करने वाले लोग अभी से कमेटी बनाकर तैयारी शुरू कर दी है. और मूर्तिकारों के यहां मूर्ति का बेयाना भी दे रहे है और मूर्ति को आकर्षक बनाने का भी वीनती कर रहे है. कान्हाचट्टी प्रखंड क्षेत्र के शायल बगीचा,राजपुर और तुलबुल में मूर्तिकारों के द्वारा मूर्ति निर्माण का कार्य किया जा रहा है l













































): एकल परिवार द्वारा प्रखण्ड के शायल बगीचा में रविवार को विश्व युवा दिवस सह स्वामी विवेकानंद की जयंती हर्षोल्लास पूर्वक मनाई गई। कार्यक्रम में संघ के छात्र-छात्राओं एवं शिक्षकों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। कार्यक्रम का शुभारंभ प्रखण्ड के समाजसेवी शंभू प्रसाद केशरी द्वारा स्वामी विवेकानंद के छायाचित्र पर माल्यार्पण एवं कर एवम बच्चो द्वारा ॐकार ,गायत्री वंदना , सरस्वती वंदना कर किया गया । इसके उपरांत एकल परिवार के छात्रों एवं शिक्षकों ने स्वामी विवेकानंद के व्यक्तित्व पर विचार प्रकट किए। इसके पश्चात सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें स्कूली बच्चों द्वारा गीत-संगीत एवं भजन आदि प्रस्तुत कर उपस्थित लोगों का मन मोह लिया। इस मौके पर सुरेंद्र भारती,प्रदीप पांडे, सुभाष दास समेत एकल विद्यालय के बच्चे मौजूद थे l वहीं इस मौके पर सरस्वती शिशु विद्या मंदिर कान्हाचट्टी के छात्र छात्राओं ने प्रभात फेरी निकाल कर युवा दिवस का संदेश दिया। प्रभातफेरी के बाद बच्चो और शिक्षकों ने बैठक कर देश सेवा का प्रण लिया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्राचार्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि स्वामी विवेकानंद के प्रमुख वक्तव्य से सीख लेते हुए लक्ष्य प्राप्ति के प्रति सदैव तत्पर रहना चाहिए। उन्होंने उपस्थित छात्र-छात्राओं को स्वामी विवेकानंद के आदर्शों पर चलने की सलाह दी। मौके पर गौतम पांडे,सविता केशरी,अनिल दांगी,कैलाश सिंह,ऋषभ कुमार समेत भारी संख्या में छात्र छात्राएं मौजूद थे l वहीं कान्हाचट्टी प्रखंड के बकचु मा में स्वामी विवेकानंद जयंती मनाया गया जिसमें मुख्य रूप से बक्चुम्मा पंचायत के भावी मुखिया दीपक वर्मा और सनी सिंह मौजूद थे दीपक वर्मा ने लोगों को संबोधित करता करते हुए कहा कि कोई भी विचार बना लो उस विचार को अपनी जिंदगी बना लो उस विचार के बारे में सोचो सपने देखो शरीर के हर भाग में उस विचार को भर लो और बाकी सारा विचार छोड़ दो यह सफल होने का रास्ता है,