सिमरिया : अनुमण्डल के एकमात्र रेफरल अस्पताल के चिकित्सक आवास जर्जर है। वहीं खतरे से गुजर रहे हैं चिकित्सक। जहां एक ओर झारखण्ड सरकार द्वारा करोड़ो रूपये स्वास्थ सुविधा से लेकर मरीजों के लिए स्वास्थ दवाइयां तक के लिए खर्च कर रही।वहीं चिकित्सकों के आवास जर्जर है ।जिससे चिकित्सक हमेशा खतरा महसूस कर रहे हैं। गौर तलब है कि जब चिकित्सक हीं सुरक्षित नहीं हैं तो आखिर मरीजों का क्या हाल होगी यह चिंता की विषय है। चिकित्सक आवास की छत इतना जर्जर है कि कभी भी छत धाराशाही के कगार पर है।और तो और वर्षा के मौसम में छत से पानी झरने की तरह गिरना आम बात है। साथ हीं खिड़की दरवाजा बिल्कुल टूट कर क्षत विक्षत व असुरक्षित रहने से चिकित्सक हमेशा खतरा महसूस कर अपना कर्तव्य निभाने को मजबूर हैं।यही कारण है कि बाहर के अच्छे चिकित्सक सिमरिया में रहना पसंद नहीं करते ।
क्या कहते हैं चिकित्सक
चिकित्सकों का कहना है कि रेफरल अस्पताल में जहां समुचित दवाइयां नहीं रहने के कारण जटिल विमारियों का इलाज कर पाने में कठिनाई होती है वहीं हम लोगों का आवास बिल्कुल जर्जर है ।वहीं खिड़की दरवाजा व छत तथा शौचालय बिल्कुल क्षत विक्षत हालत में पड़ा है ।आवास में कोई कभी भी आसानी से घुस सकता है। जिससे चिकित्सक हमेशा खतरा महसूस कर रहे हैं।अपनी हालत पर आवास खुद शर्मिंदा महसूस कर रही है।
क्या कहते हैं चिकित्सक
चिकित्सकों का कहना है कि रेफरल अस्पताल में जहां समुचित दवाइयां नहीं रहने के कारण जटिल विमारियों का इलाज कर पाने में कठिनाई होती है वहीं हम लोगों का आवास बिल्कुल जर्जर है ।वहीं खिड़की दरवाजा व छत तथा शौचालय बिल्कुल क्षत विक्षत हालत में पड़ा है ।आवास में कोई कभी भी आसानी से घुस सकता है। जिससे चिकित्सक हमेशा खतरा महसूस कर रहे हैं।अपनी हालत पर आवास खुद शर्मिंदा महसूस कर रही है।
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