58 महीनों से नही मिला मानदेय,घर में भुखमरी की स्थिति, मानदेय नही मिलने के बाद भी दे रही है शिक्षिका सेवा






*बेवजह 58 महीनों से पारा शिक्षिका का सैलरी रोक रखा है विभाग, परिवार भुखमरी के कगार पर*

*बिना वेतन के लगातार सेवाएं देते आ रही हैं पारा शिक्षिका अनुपम कुमारी, उत्क्रमित मध्य विद्यालय छेवटा में है कार्यरत*

*माध्यमिक/इंटरमीडिएट परीक्षा 2015 में फर्जी छात्र को मदद करने का झूठा आरोप लगा रोक दिया गया वेतन*

*अभिषेक सिंह कान्हाचट्टी*

कान्हाचट्टी: दिनांक 25 फरवरी 2015 को चतरा जिले के कान्हाचट्टी प्रखंड में मैट्रिक की प्रैक्टिकल विषय की परीक्षा होनी थी, इसी बीच *सुबह 9:35 में* बीके +2 उच्च विद्यालय के प्रवेश द्वार पर एक फर्जी विद्यार्थी को पुलिस चेकिंग के दौरान अपने हिरासत में ले लेती है और ठीक उसी समय *9:35* में पुलिस एफआईआर भी दर्ज हो जाती है। उसके बाद प्रैक्टिकल की परीक्षा समाप्त होती है और इस दिन फ़र्ज़ी छात्र के रूम में वीक्षक के तौर पर मौजूद पारा शिक्षिका अनुपम कुमारी, सरकारी शिक्षक शशि शेखर प्रसाद राकेश एवं केंद्राधीक्षक सुरेंद्र कुमार दास के लिए एक काला अध्याय बन गया।


 जिला शिक्षक अधीक्षक ने *02/03/2015* को एक पत्र जारी किया जिसमें लिखा कि *25/02/2015 को दोपहर 2:30 बजे* वीक्षक परीक्षार्थी को मदद कर रहे थे जिस वजह से  दोनों सरकारी शिक्षकों को निलंबित कर दिया एवं ग्राम शिक्षा समिति छेवटा को आदेश दिया कि पारा शिक्षिका अनुपम कुमारी की संविदा रद्द की जाए, जबकि छात्र को *9;35* में ही पुलिस हिरासत में ले लिया गया था एवं *11:30* बजे परीक्षा समाप्त हो गयी थी। माध्यमिक परीक्षा समाप्त होने के बाद केंद्राधीक्षक ने कार्य अवधि में बिना किसी आरोप के विरमित पत्र देकर अपने विद्यालय में योगदान देने को कहा एवं पारा शिक्षिका के खाते में *मार्च 2015* तक का मानदेय भी भेज दिया गया। *22/06/15* को प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी कान्हाचट्टी से  संविदा रद्द हुई या नहीं, प्रतिवेदन मांगी गई; यह पत्र यूएमएस छेवटा को *10/08/2015* को मिली जिसमें विद्यालय को अपना पक्ष रखने को कहा गया। तब दिनांक *12/08/15* को ग्राम शिक्षा समिति छेवटा की बैठक संपन्न हुई जिसमें सदस्यों के अलावा पूरे ग्राम वासी शामिल हुए एवं जांचोपरांत पारा शिक्षिका अनुपम कुमारी पर लगाये गए आरोपों को बेबुनियाद बता कर संविदा जारी रखने की अनुशंसा की गई। इसी बीच इसी मामले में अभियुक्त दो और शिक्षकों ने झारखंड उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया एवं माननीय उच्च न्यायालय ने कुछ महीनों के बाद अपना निर्णय शिक्षकों के पक्ष में दिया, एवं पुनः दोनों शिक्षकों ने अपने विद्यालय में योगदान दिया। इसी बीच *08/09/2016* को प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी ने विद्यालय का औचक निरीक्षण किया एवं निरीक्षण में पारा शिक्षिका अनुपम कुमारी उपस्थित पायीं गयी। इस बीच 58 महीनों में हुए *शिक्षक ट्रेनिंग, लोकसभा चुनाव, विधानसभा चुनाव, एवं अन्य सरकारी कार्यों में भी पारा शिक्षिका से सेवाएं ली गयी*।।
क्या कहती हैं पारा शिक्षिका अनुपम कुमारी:- इस बीच जब पारा शिक्षिका अनुपम कुमारी से इस मुद्दे पर बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि मुझे बेबुनियादी तौर पर फंसाया गया है, मैं कहीं से भी निर्दोष हूं जिसका साफ प्रमाण हैं दो अन्य शिक्षकों को न्यायालय द्वारा पुनः बहाल किया जाना। उन्होंने आगे कहा कि मैं अपने परिवार की एक मात्र आशा हूं, पति बेरोजगार हैं, बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं, अब सिर्फ भुखमरी की स्तिथि हमारे समक्ष उत्पन्न हो रही है। हरेक जनता दरबार में अधिकारियों द्वारा सिर्फ आश्वाशन मिला, न्याय आज तक नहीं मिल पाया।









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