प्रतापपुर(चतरा): चतरा सांसद सुनील कुमार सिंह के सौजन्य से प्रतापपुर
प्रखंड मुख्यालय का एकमात्र प्रताप हिंदी पुस्तकालय में मंगलवार को लगभग
₹50000 की काफी उपयोगी पुस्तकें उपलब्ध करवाया गया ।
इस पुस्तकालय को पुस्तक उपलब्ध कराए जाने से पुस्तकालय के पुनरुद्धार होने की आशा यहां के लोगों में फिर से एक बार जगी है।
बताते
चलें कि यह प्रताप हिंदी पुस्तकालय सन 1933 का स्थापित है। कुछ वर्ष पूर्व
तक प्रताप पुस्तकालय यहां बुद्धिजीवी वर्ग छात्रों के लिए काफी मददगार
साबित होता रहा लेकिन कालांतर में रखरखाव के अभाव में पुस्तकालय की दयनीय
स्थिति हो गई।
लेकिन चतरा पूर्व सांसद इंदर सिंह
नामधारी के द्वारा भवन दिए जाने के बाद से पुस्तकालय फिर से खुद को
पुनर्स्थापित होने का इंतजार कर रहा था। तभी सांसद प्रतिनिधि रणविजय गिरी
के द्वारा इस पुस्तकालय की ओर सांसद सुनील सिंह का ध्यान आकृष्ट कराए जाने
के बाद उन्होंने इस बात को गंभीरता से लिया और प्रताप हिंदी पुस्तकालय को
₹50000 की किताब उपलब्ध करायी
।
*विभिन्न संसाधनों के अभाव से जूझ रहा है प्रताप हिंदी पुस्तकालय*
78 वर्ष पुराना प्रताप हिंदी पुस्तकालय वर्तमान समय में कई संसाधनों का अभाव से जूझ रहा है।
इस
पुस्तकालय में पाठकों को बैठने पढने.के लिए ना.तो बेंच डेस्क कुर्सी है,
और ना इंन महंगी किताबों को रखने के लिए बुक्शेल्फ या कोई अलमीरा की
व्यवस्था है। ऐसे में यह किताबे कितने दिन तक सुरक्षित रहेगी यह भी अपने
आप में एक बड़ा सवाल है।
हालाकि सांसद प्रतिनिधि
रणविजय गिरी से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि धरोहर के रूप में ,इतने
पुराने पुस्तकालय को हर हाल में पुनः स्थापित किया जाएगा इसके लिए जिन
संसाधनों का भी अभाव यहां है उन संसाधनों को उपलब्ध कराने के लिए माननीय
सांसद महोदय से मैं आग्रह करूंगा और अन्य जरूरत की सामग्रियां एवम्
संसाधन उपलब्ध कराने का प्रयास करूंगा।सांसद के इस पहल से प्रतापपुर के लोगो में ख़ुशी है।
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