उदयमान सूर्य के अर्घ के साथ लोक आस्था का महापर्व छठ शांति पूर्ण संपन
चतरा:-
शुक्रवार के अहले सुबह जिला मुख्यालय के अलावे गिद्धौर, प्रतापपुर, मयूरहंड, सिमरिया, पत्थलगडा, टंडवा, हंटरगंज आदि प्रखंडों के छठ घाटों में प्रत्यक्ष भगवान भास्कर के उदियमान स्वरूप को अर्घ अर्पित करने के साथ चार दिवसीय सूर्योपासना का महापर्व छठ नेम-निष्ठा के साथ संपन हो गया। व्रतियों ने 36 घंटे का र्निजला उपवास शुक्रवार को पूजा के उपरांत महाप्रसाद ग्रहण करने के बाद तोड़ा। छठ पूजा को लेकर शहर के अलावे ग्रामीण क्षेत्रो में भी छठ घाटों को दुल्हन कि तरह सजाया गया था। गुरुवारा के दोपहर तीन बजे से ही भगवान भास्कर को अर्घ देने व्रती के साथ महिलाएं, बच्चे व पुरूषों की भीड़ दौरा-सूप माथे पर लिए माता के गीत गाते हुए घाट पहंुचे। घाटों में पहंुच सभी नेे अस्ताचलगामी सूर्य को अर्ध दिया। यहीं परंपरा दूसरे दिन दोहराई गई जहां उगते सूर्य को सुबह व्रतियों ने अर्ध दिया। महापर्व को लेकर शहर में पुलिस के द्वारा सुरक्षा के व्यपक प्रबंध किए गए थे। विभिन्न स्वंय सेवी संगठनो व कल्बों के सदस्यों ने व्रतियों के बीच फल एंव दुध आदि सामाग्रियों का वितरण किया। शहर में सर्वाधिक भीड़ छठ तलाब घाट पर दिखी। अर्घ अर्पित करने के बाद व्रती सूर्य मंदिर में भगवान सूर्य की पूजा आर्चना की। इसके अलावे शहर के कठोतिया तलाब, हेरूवा नदी, पुरैनिया आदि घाटो पर व्रतियों द्वारा अर्ध अर्पित किया गया। छठ को लेकर नदी से मुख्य पथ तक लाईटींग के साथ पथ व घट के साफ सफाई गांव के युवकों द्वारा कराई गई थी।
चतरा:-
शुक्रवार के अहले सुबह जिला मुख्यालय के अलावे गिद्धौर, प्रतापपुर, मयूरहंड, सिमरिया, पत्थलगडा, टंडवा, हंटरगंज आदि प्रखंडों के छठ घाटों में प्रत्यक्ष भगवान भास्कर के उदियमान स्वरूप को अर्घ अर्पित करने के साथ चार दिवसीय सूर्योपासना का महापर्व छठ नेम-निष्ठा के साथ संपन हो गया। व्रतियों ने 36 घंटे का र्निजला उपवास शुक्रवार को पूजा के उपरांत महाप्रसाद ग्रहण करने के बाद तोड़ा। छठ पूजा को लेकर शहर के अलावे ग्रामीण क्षेत्रो में भी छठ घाटों को दुल्हन कि तरह सजाया गया था। गुरुवारा के दोपहर तीन बजे से ही भगवान भास्कर को अर्घ देने व्रती के साथ महिलाएं, बच्चे व पुरूषों की भीड़ दौरा-सूप माथे पर लिए माता के गीत गाते हुए घाट पहंुचे। घाटों में पहंुच सभी नेे अस्ताचलगामी सूर्य को अर्ध दिया। यहीं परंपरा दूसरे दिन दोहराई गई जहां उगते सूर्य को सुबह व्रतियों ने अर्ध दिया। महापर्व को लेकर शहर में पुलिस के द्वारा सुरक्षा के व्यपक प्रबंध किए गए थे। विभिन्न स्वंय सेवी संगठनो व कल्बों के सदस्यों ने व्रतियों के बीच फल एंव दुध आदि सामाग्रियों का वितरण किया। शहर में सर्वाधिक भीड़ छठ तलाब घाट पर दिखी। अर्घ अर्पित करने के बाद व्रती सूर्य मंदिर में भगवान सूर्य की पूजा आर्चना की। इसके अलावे शहर के कठोतिया तलाब, हेरूवा नदी, पुरैनिया आदि घाटो पर व्रतियों द्वारा अर्ध अर्पित किया गया। छठ को लेकर नदी से मुख्य पथ तक लाईटींग के साथ पथ व घट के साफ सफाई गांव के युवकों द्वारा कराई गई थी।
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