धनबाद : फिल्म हस्तियों के अजीज रहे चंदू की मौत, राजेश खन्ना, धर्मेंद्र और अमिताभ के थे खास दोस्त
धनबाद। धनबाद में कई कोलियरी के मालिक और मुम्बई सिनेजगत में कई फिल्मी हस्तियों के खास मित्रों में से एक रहे चंदूलाल वर्मा की हृदय गति रुकने से मौत हो गयी। चंदू की मौत से फ़िल्म हस्तियों में भी शोक है। 70 के दशक में धनबाद को पहचाने देने वाले चंदू के फिल्म स्टार राजेश खन्ना, धर्मेन्द्र, अमिताभ समेत कई हस्तियों से अच्छी दोस्ती थी। दोस्ती भी ऐसी की धर्मेन्द्र छुट्टियां मनाने अपनी पत्नी के साथ इनके यहाँ ही आया करते थे।
चंदूलाल के सहयोग से फिल्म निर्माता कोयला खदान मजदूरों की जिंदगी पर आधारित फिल्म मोहब्बत जिंदगी है, काला पत्थर, कालका समेत कई फिल्म इसी कोयलांचल की धरती पर बनी थी। 1966 में बनी फिल्म मोहब्बत जिंदगी के निर्माता एमएस गुलाटी और निर्देशक जगदीश नरूला थे। जबकि चंदूलाल आर वर्मा इस फिल्म में तकनीकी सलाहकार थे। फिल्म की शूटिंग बस्ताकोला कोलियरी की चांदमारी नौ नंबर खदान, न्यू स्टैंडर्ड लोदना और तोपचांची में हुई थी। फिल्म के अभिनेता धर्मेद्र और अभिनेत्री राजश्री की लव केमिस्ट्री ने उस समय पूरे देश में धमाल मचाया था।
बेहतर जिंदगी के सरताज चंदू की दुःखद अंत
शनिवार की सुबह चंदू की जिंदगी का आखिर सफर रहा। अहले सुबह हृदय गति रुकने से उनकी मौत पूरे कोयलांचल को सदमे में डाल दिया।शानदार व्यक्तित्व के मालिक चंदू की जिंदगी आखरी समय में बेनूर ही रही। उनको परिवार का सुख नहीं मिला। उनकी पत्नी शादी के कुछ वर्ष बाद ही छोड़ कर चली गई थी। बेटा भी जापान चला गया। वे यहां एकांकी जीवन ही जीते रहे।
70 के दशक में चंदूलाल फिल्म बनाने में लगी पूरी टीम को लाने ले जाने व उनके खाने-पीने और ठहराने की व्यवस्था करते थे। शूटिंग के बाद चंदूलाल के घर पर अभिनेता धर्मेंद्र रुकते थे। धर्मेंद्र की पहली पत्नी प्रकाश कौर भी उनके साथ ही आई थीं। चंदूलाल पूरी टीम को लेकर तोपचांची और मैथन की सैर कराने भी जाया करते थे।
अभिनय करने का सपना रह गया अधूरा
मुहब्बत जिंदगी है की शूटिंग पूरी कराने के बाद अभिनेता धर्मेंद्र उस समय चंदूलाल आर वर्मा को अपने साथ मुंबई ले गए थे। चंदूलाल की भी फिल्म में अभिनय करने की इच्छा थी। चंदूलाल के पिता नहीं चाहते थे कि उनका बेटा फिल्म जगत से जुड़े। नतीजा चंदूलाल ने पिता की भावनाओं का सम्मान किया।
बस्ताकोला में लगता था फिल्मी कलाकारों का जमावड़ा
कोयलांचल में मुहब्बत जिंदगी है, कालका, शराबी समेत कई फिल्मों की शूटिंग हुई थी। इन फिल्मों के कलाकरों का जमावड़ा चंदूलाल आर वर्मा के यहां ही होता था। देवानंद, धर्मेंद्र, राजश्री, अमजद खान, शत्रुघ्न सिन्हा, राजबब्बर, रामेश्वरी, अरुण गोविल, सारिका, पेंटल, गोगा कपूर, मजहर खान, जावेद खान, महमूद, जानी वाकर, देवेन वर्मा समेत कई कलाकार शूटिंग के बाद बस्ताकोला में चंदूलाल के बंगले में रूक कर अपनी थकान मिटाते थे।
कई कोलियरी के मालिक थे चंदूलाल
चंदूलाल के पिता स्व. रामदास वर्मा बस्ताकोला, चांदमारी कोलियरी के मालिक थे। जबकि आसनसोल की बेलूरी डीसरगढ़, पटमोना व बडाधमो कोलियरी, धनबाद की मोदीडीह, चैतूडीह, अंगारपथरा, खास गणोशपुर व एक अन्य कोलियरी को लीज पर लिया था। बस्ताकोला व चांदमारी कोलियरी का पूरा काम चंदूलाल ही देखते थे।
शांति ने निभाया 40 वर्ष साथ
चंदूलाल का पूरा जीवन संघर्ष भरा रहा। 1971 में खदान मालिक पुरुषोत्तम स्वर्णपाल की पुत्री अनिला वर्मा से शादी हुई। जो शादी के कुछ वर्ष बाद ही उन्हें छोड़कर कोलकाता चली गई। बेटा विशाल जापान में शिफ्ट हो गया। चंदूलाल यहां अकेले की जिंदगी जी रहे थे। उनके घर काम करनेवाली शांति बाउरीन ही उनकी देखरेख करती थी।
धनबाद। धनबाद में कई कोलियरी के मालिक और मुम्बई सिनेजगत में कई फिल्मी हस्तियों के खास मित्रों में से एक रहे चंदूलाल वर्मा की हृदय गति रुकने से मौत हो गयी। चंदू की मौत से फ़िल्म हस्तियों में भी शोक है। 70 के दशक में धनबाद को पहचाने देने वाले चंदू के फिल्म स्टार राजेश खन्ना, धर्मेन्द्र, अमिताभ समेत कई हस्तियों से अच्छी दोस्ती थी। दोस्ती भी ऐसी की धर्मेन्द्र छुट्टियां मनाने अपनी पत्नी के साथ इनके यहाँ ही आया करते थे।
चंदूलाल के सहयोग से फिल्म निर्माता कोयला खदान मजदूरों की जिंदगी पर आधारित फिल्म मोहब्बत जिंदगी है, काला पत्थर, कालका समेत कई फिल्म इसी कोयलांचल की धरती पर बनी थी। 1966 में बनी फिल्म मोहब्बत जिंदगी के निर्माता एमएस गुलाटी और निर्देशक जगदीश नरूला थे। जबकि चंदूलाल आर वर्मा इस फिल्म में तकनीकी सलाहकार थे। फिल्म की शूटिंग बस्ताकोला कोलियरी की चांदमारी नौ नंबर खदान, न्यू स्टैंडर्ड लोदना और तोपचांची में हुई थी। फिल्म के अभिनेता धर्मेद्र और अभिनेत्री राजश्री की लव केमिस्ट्री ने उस समय पूरे देश में धमाल मचाया था।
बेहतर जिंदगी के सरताज चंदू की दुःखद अंत
शनिवार की सुबह चंदू की जिंदगी का आखिर सफर रहा। अहले सुबह हृदय गति रुकने से उनकी मौत पूरे कोयलांचल को सदमे में डाल दिया।शानदार व्यक्तित्व के मालिक चंदू की जिंदगी आखरी समय में बेनूर ही रही। उनको परिवार का सुख नहीं मिला। उनकी पत्नी शादी के कुछ वर्ष बाद ही छोड़ कर चली गई थी। बेटा भी जापान चला गया। वे यहां एकांकी जीवन ही जीते रहे।
70 के दशक में चंदूलाल फिल्म बनाने में लगी पूरी टीम को लाने ले जाने व उनके खाने-पीने और ठहराने की व्यवस्था करते थे। शूटिंग के बाद चंदूलाल के घर पर अभिनेता धर्मेंद्र रुकते थे। धर्मेंद्र की पहली पत्नी प्रकाश कौर भी उनके साथ ही आई थीं। चंदूलाल पूरी टीम को लेकर तोपचांची और मैथन की सैर कराने भी जाया करते थे।
अभिनय करने का सपना रह गया अधूरा
मुहब्बत जिंदगी है की शूटिंग पूरी कराने के बाद अभिनेता धर्मेंद्र उस समय चंदूलाल आर वर्मा को अपने साथ मुंबई ले गए थे। चंदूलाल की भी फिल्म में अभिनय करने की इच्छा थी। चंदूलाल के पिता नहीं चाहते थे कि उनका बेटा फिल्म जगत से जुड़े। नतीजा चंदूलाल ने पिता की भावनाओं का सम्मान किया।
बस्ताकोला में लगता था फिल्मी कलाकारों का जमावड़ा
कोयलांचल में मुहब्बत जिंदगी है, कालका, शराबी समेत कई फिल्मों की शूटिंग हुई थी। इन फिल्मों के कलाकरों का जमावड़ा चंदूलाल आर वर्मा के यहां ही होता था। देवानंद, धर्मेंद्र, राजश्री, अमजद खान, शत्रुघ्न सिन्हा, राजबब्बर, रामेश्वरी, अरुण गोविल, सारिका, पेंटल, गोगा कपूर, मजहर खान, जावेद खान, महमूद, जानी वाकर, देवेन वर्मा समेत कई कलाकार शूटिंग के बाद बस्ताकोला में चंदूलाल के बंगले में रूक कर अपनी थकान मिटाते थे।
कई कोलियरी के मालिक थे चंदूलाल
चंदूलाल के पिता स्व. रामदास वर्मा बस्ताकोला, चांदमारी कोलियरी के मालिक थे। जबकि आसनसोल की बेलूरी डीसरगढ़, पटमोना व बडाधमो कोलियरी, धनबाद की मोदीडीह, चैतूडीह, अंगारपथरा, खास गणोशपुर व एक अन्य कोलियरी को लीज पर लिया था। बस्ताकोला व चांदमारी कोलियरी का पूरा काम चंदूलाल ही देखते थे।
शांति ने निभाया 40 वर्ष साथ
चंदूलाल का पूरा जीवन संघर्ष भरा रहा। 1971 में खदान मालिक पुरुषोत्तम स्वर्णपाल की पुत्री अनिला वर्मा से शादी हुई। जो शादी के कुछ वर्ष बाद ही उन्हें छोड़कर कोलकाता चली गई। बेटा विशाल जापान में शिफ्ट हो गया। चंदूलाल यहां अकेले की जिंदगी जी रहे थे। उनके घर काम करनेवाली शांति बाउरीन ही उनकी देखरेख करती थी।
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