चतरा
: जिले में बारिश से जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। जबकि बारिश के कारण दुर्गा पूजा की तैयारी भी फीकी पड़ गई है। सबसे ज्यादा परेशानी दिहाड़ी मजदूरों को हुआ है।मजदूर पिछले कुछ दिनों से घर मे बैठे हुए है।मजदूर के बच्चों को खाने के लिए लाले पड़ रहा है।वहीं दूसरी तरफ बारिश से धान के फसल को काफी लाभ हुआ है। जबकि आलू, मटर व टमाटर की फसल को भारी नुकसान हुआ है। जिले के सदर प्रखंड समेत अन्य प्रखण्डों में गरीबों के कच्चे मकान ध्वस्त हो गया है।वही गिधौर प्रखंड के पहरा के लक्ष्मण साव व दुलार पांडेय का घर गुरुवार की देर रात अचानक ध्वस्त हो गया। जिससे लक्ष्मण साव के परिवार बाल बाल बच गए। जबकि खाने-पीने का अनाज भी बर्बाद हो गया। वैसे में इनके परिवार के लोगों को रहने में काफी दिक्कत हो रहा है। बताया जाता है कि लक्ष्मण साव व दुलार पांडेय को प्रधानमंत्री आवास का लाभ नहीं मिला है। पीड़ित परिवारों ने अंचल अधिकारी से आपदा राहत के तहत मुआवजे की मांग किया है। जबकि प्रधानमंत्री आवास स्वीकृति की भी अपील की है।
: जिले में बारिश से जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। जबकि बारिश के कारण दुर्गा पूजा की तैयारी भी फीकी पड़ गई है। सबसे ज्यादा परेशानी दिहाड़ी मजदूरों को हुआ है।मजदूर पिछले कुछ दिनों से घर मे बैठे हुए है।मजदूर के बच्चों को खाने के लिए लाले पड़ रहा है।वहीं दूसरी तरफ बारिश से धान के फसल को काफी लाभ हुआ है। जबकि आलू, मटर व टमाटर की फसल को भारी नुकसान हुआ है। जिले के सदर प्रखंड समेत अन्य प्रखण्डों में गरीबों के कच्चे मकान ध्वस्त हो गया है।वही गिधौर प्रखंड के पहरा के लक्ष्मण साव व दुलार पांडेय का घर गुरुवार की देर रात अचानक ध्वस्त हो गया। जिससे लक्ष्मण साव के परिवार बाल बाल बच गए। जबकि खाने-पीने का अनाज भी बर्बाद हो गया। वैसे में इनके परिवार के लोगों को रहने में काफी दिक्कत हो रहा है। बताया जाता है कि लक्ष्मण साव व दुलार पांडेय को प्रधानमंत्री आवास का लाभ नहीं मिला है। पीड़ित परिवारों ने अंचल अधिकारी से आपदा राहत के तहत मुआवजे की मांग किया है। जबकि प्रधानमंत्री आवास स्वीकृति की भी अपील की है।
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