चतरा :- पंचायती राज को शसक्त बनाने के उदेश्य से जिले के चयनित मुखिया, पंचायत समिति सदस्य, प्रमुख उपप्रमुख व वार्ड सदस्यों का चयन किया गया है। लेकिन पंचायत प्रतिनिधियों के साथ सरकार के द्वारा ना इंसाफी किया जा रहा है। सरकार के द्वारा मुखिया, उपमुखिया पंचायत समिति सदस्य , प्रमुख एवं उप्रमुख का तो मानदेय का भुगतान कर दिया गया है। लेकिन वार्ड सदस्यों का मानदेय का भुगतान पिछले चार साल से नहीं किया गया है। ऐसे में वार्ड सदस्यों में रोष है। वार्ड सदस्यों का कहना है कि वे भी पंचायत के जनप्रतिनिधि है। तो एेसा क्यों हो रहा है। वार्ड सदस्यों को छोड़कर अन्य पंचायत प्रतिनिधियों का मानदेय का भुगतान कर दिया गया है। लेकिन वार्ड सदस्यों का मानदेय का भुगतान नहीं होने से वार्ड सदस्य काफी परेशान हैं। उन्होंने कहना है कि वे भी पंचायत में गांव स्तर का काम करते हैं। लेकिन एक को मानदेय मिला और हमलोगा को नहीं है। वार्ड सदस्यों ने मानदेय नहीं मिलने की शिकायत उपायुक्त जितेंद्र कुमार सिंह से भी की है। इस पर उपायुक्त ने मानदेय भुगतान का आश्वासन दिया है। उल्लेखनीय है कि प्रमुख का पांचा हजार, उपप्रमुख को तीन हजार, मुखिया का एक हजार, उपमुखिया को पांच सौ एवं वार्ड सदस्यों का प्रतिमाह दौ सौ रुपए मानदेय मिलता है। लेकिन वार्ड सदस्यों को छोड़कर सभी का मानदेय का भुगतान कर दिया गया है।
एलाउटमेंट नहीं हुआ है प्राप्त
मुखिया, उपमुखिया, पंचायत समिति सदस्य, प्रमुख व उपप्रमुखिया का मानदेय का भुगतान कर दिया है। वार्ड सदस्यों का मानदेय का भुगतान नहीं किया गया है। इनका एलाउमेंट में नहीं आया है। एलाउटमेंट प्राप्त होते ही वार्ड सदस्यों का मानदेय का भुगतान कर दिया जाएगा।
हारुण रसीद, पंचायती राज पदाधिकारी, चतरा
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