*भाजपा के सांसद व विधायक का जूता का माला पहनाकर टमाटर व अंडे से जिले में स्वागत करने की कही बात*

*निकाय चुनाव में पारा शिक्षकों ने बढ़ाई भाजपा की परेशानी, फूंका विद्रोह का बिगुल*

*भाजपा के सांसद व विधायक का जूता का माला पहनाकर टमाटर व अंडे से जिले में स्वागत करने की कही बात*

*सीएम को कहा घमंडी, गांजा के नशे मे धूत रहने का लगाया आरोप*

*संघ के पूर्व अध्यक्ष ने कहा निकाय चुनाव में प्रदेश की अंधी, बहरी एवं सामंतवादी सरकार को सबक सिखाएंगे पारा शिक्षक*

चतरा : -जहां एक ओर प्रदेश के मुख्यमंत्री जिलों का दौरा कर कार्यकर्ताओं व प्रत्याशियों को सरकार के विकास कार्यों का हवाला देकर लोगों से वोट मांगने का निर्देश दे रहे हैं। वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री रघुवर दास व सरकार के नीतियों व कार्यशैली का विरोध भी शुरू हो गया है। प्रदेश में पहली बार दलगत स्तर पर हो रहे नगर निकाय चुनाव को लेकर भाजपा के प्रत्याशी घर-घर जाकर लोगों से अपने पक्ष में वोट की अपील कर रहे हैं। लेकिन प्रत्याशियों व पार्टी की परेशानी पारा शिक्षकों ने बढ़ा कर रख दी है। पारा शिक्षकों ने नगर निकाय चुनाव में भाजपा समर्थित प्रत्याशियों को वोट नहीं देने की अपील की है। भाजपा व प्रत्याशियों के विरुद्ध विरोध का बिगुल झुकते हुए एकीकृत पारा शिक्षक संघ के पूर्व जिला अध्यक्ष सत्यदीप कुमार उर्फ बुटन माली ने मुख्यमंत्री रघुवर दास व सरकार पर जमकर हमला बोला है। संघ के पूर्व अध्यक्ष ने सरकार वह मुख्यमंत्री पर घमंडी व गांजा के नशे में चूर रहने का गंभीर आरोप लगाते हुए पारा शिक्षकों का विरोधी कहा है। पूर्व अध्यक्ष ने कहा है कि झारखंड के सुदूरवर्ती इलाकों में विगत 18 वर्षों से पारा शिक्षक शिक्षा का अलख जगाते हुए प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करते हुए ऊपर उठाने के कार्य में लगे हैं। लेकिन प्रदेश की सामंतवादी सरकार पारा शिक्षकों को प्रोत्साहित करने के बजाय हमारे भविष्य के साथ खिलवाड़ करने पर तुली है। पूर्व अध्यक्ष ने कहा है कि शिक्षकों के गोद में प्रलय व निर्माण खेलती है। पारा शिक्षक व उनके परिजन अपने बहुमूल्य मतों से किसी को रातों-रात प्रदेश की सत्ता सौंप सकते हैं तो समय आने पर उसे सत्ता से बेदखल भी कर सकते हैं। उन्होंने प्रदेश के सभी पारा शिक्षकों से अपनी क्षमता का परिचय देते हुए सामंतवादी सरकार को उखाड़ फेंकने की अपील की है। पूर्व अध्यक्ष ने पारा शिक्षकों का आम लोगों से अपील किया है कि नगर निकाय चुनाव में भाजपा प्रत्याशियों को वोट देने के बजाय किसी गरीब प्रत्याशी को अपना वोट देकर जिताएं ताकि कुंभकर्णी नींद में सोई प्रदेश की रघुवर सरकार को अपनी औकात का एहसास हो सके। विगत कई माह से लंबित मानदेय भुगतान व अन्य समस्याओं को लेकर आक्रोशित संघ के पूर्व अध्यक्ष ने प्रदेश के सभी पारा शिक्षकों से कहा है की अब समय आ गया है ,अपने बहुमूल्य वोटों से शिक्षक विरोधी सरकार को सबक सिखाने का। उन्होंने चुनाव प्रचार को लेकर क्षेत्र में पहुंचने वाले भाजपा के मंत्री, सांसद, विधायक व वरिष्ठ नेताओं का पुरजोर विरोध करने की अपील पारा शिक्षकों से की है। कहा है कि भाजपा नेताओं का स्वागत जूता का माला पहनाकर व सड़े हुए अंडे के अलावे टमाटर से करें। पूर्व अध्यक्ष ने कहा है कि क्षेत्र में इस तरह के स्वागत से ही उन्हें यह एहसास होगा कि एक शिक्षक के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का परिणाम क्या होता है।

1 टिप्पणी:

  1. क्या शिक्षा का अलख जगाने वाले पारा शिक्षक खुद शिक्षीत हैं। एक ओर देश का भविष्य निर्माण का दंभ भरनेवाले इन पाराशिक्षकों के कारण ही सरकारी स्कुल सालभर मे लगभग साठ दिन बंद रहते हैं। वहीं इन पाराशिक्षकों को मनरेगा की ठिकेदारी करते भी देखा जा सकता है। हलांकी हमारे देश का यह दुर्भाग्य ही है जहां शिक्षक और डॉक्टर भी पारा होते हैं।

    किसी की भावना को ठेस पहुचाने की मेरी कोई मनसा नहीं है । अगर मेरे लिखने से किसी की भावना आहत हुई हो तो क्षमा करेंगे।

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