स्कूलों के समायोजन को लेकर आंदोलन पर उतारु हो गए है ग्रामीण, नियमावली के उलंघन का अभिभावक लगा रहे हैं आरोप, सैंकड़ों गांव के बच्चो ऐसे में नदी-नाले पार कर स्कूल पहुंचेंगे
चतरा:- जिले के गिद्धौर, हंटरगंज व पत्थलगडा आदि प्रखंडों में कई ऐसे विद्यालय हैं जिनके समायोजन से आस-पास निवास करने वाले सैंकड़ों बच्चों का भविष्य हीं दांव पर लग गया है। ताजुब की बात यह है कि संबंधित प्रखंड शिक्षा समिति ने भी कमाल कर दिया है। बीडीओ की अध्यक्षता वाली इस समिति ने विद्यालय विलय मामले में लिए गए निर्णय के बाद दर्जनों विद्यालयों के बच्चे नदी-नाले पारकर स्कूल पहुंचेंगे। कुछ गांव के बच्चों को तो 7 किलोमीटर की दूरी तय कर विद्यालय पहुंचना होगा। इसे लेकर संबंधित इलाके के अभिभावकों में आक्रोष गहराता जा रहा है। जानकारी के मुताबिक शिक्षा सचिव के निर्देशानुसार ऐसे प्राथमिक व मध्य विद्यालयों को जिनमें छात्रों की संख्या चालीस से कम हो उन्हें निकटवर्ती विद्यालय में विलय करने का प्रस्ताव आया था। इसी निर्देश के अनुसार जिले के विभिन्न प्रखंड में विद्यालयों का विलय किया गया है। इसी के मद्देनजर उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय तेतरिया (हंटरगंज) को कम छात्र उपस्थिति होने के कारण पास के मध्य विद्यालय में समायोजन किया गया है। इस विद्यालय के विलय में बच्चों को हित का ख्याल नहीं रखा गया। उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय तेतरिया के बच्चे लगभग 7 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद उपर्युक्त विद्यालय पहुंच पाएंगे। साथ ही इन बच्चों को एनएच-99 से भी गुजरना होगा। जबकि उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय बोड़ा मोड़ को विलय इसलिए नहीं किया गया, क्योंकि उस विद्यालय के बच्चों को राष्ट्रीय राजमार्ग 99 पार कर उत्क्रमित मध्य विद्यालय बोड़ा मोड़ जाना पड़ रहा था। जबकि इन दोनों विद्यालयों के बीच की दूरी महज लगभग एक हजार मीटर है। वहीं हंटरगंज के हंी पांडेयपुरा उच्च विद्यालय, पत्थलगडा के उत्क्रमीत उच्च विद्यालय तेतरीया, राज्य कृत मध्य विद्यालय पत्थलगडा को भी समायोजन करने का प्रस्ताव पारीत किया गया है। जबकी उपरोक्त सभी विद्यालय सभी आर्हताएं पुरी करतें हैं। ऐसे में नियमावली का सही से पालन नही करने का स्थानिय ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए आंदोलन की बात कह रहे हैं।
चतरा:- जिले के गिद्धौर, हंटरगंज व पत्थलगडा आदि प्रखंडों में कई ऐसे विद्यालय हैं जिनके समायोजन से आस-पास निवास करने वाले सैंकड़ों बच्चों का भविष्य हीं दांव पर लग गया है। ताजुब की बात यह है कि संबंधित प्रखंड शिक्षा समिति ने भी कमाल कर दिया है। बीडीओ की अध्यक्षता वाली इस समिति ने विद्यालय विलय मामले में लिए गए निर्णय के बाद दर्जनों विद्यालयों के बच्चे नदी-नाले पारकर स्कूल पहुंचेंगे। कुछ गांव के बच्चों को तो 7 किलोमीटर की दूरी तय कर विद्यालय पहुंचना होगा। इसे लेकर संबंधित इलाके के अभिभावकों में आक्रोष गहराता जा रहा है। जानकारी के मुताबिक शिक्षा सचिव के निर्देशानुसार ऐसे प्राथमिक व मध्य विद्यालयों को जिनमें छात्रों की संख्या चालीस से कम हो उन्हें निकटवर्ती विद्यालय में विलय करने का प्रस्ताव आया था। इसी निर्देश के अनुसार जिले के विभिन्न प्रखंड में विद्यालयों का विलय किया गया है। इसी के मद्देनजर उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय तेतरिया (हंटरगंज) को कम छात्र उपस्थिति होने के कारण पास के मध्य विद्यालय में समायोजन किया गया है। इस विद्यालय के विलय में बच्चों को हित का ख्याल नहीं रखा गया। उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय तेतरिया के बच्चे लगभग 7 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद उपर्युक्त विद्यालय पहुंच पाएंगे। साथ ही इन बच्चों को एनएच-99 से भी गुजरना होगा। जबकि उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय बोड़ा मोड़ को विलय इसलिए नहीं किया गया, क्योंकि उस विद्यालय के बच्चों को राष्ट्रीय राजमार्ग 99 पार कर उत्क्रमित मध्य विद्यालय बोड़ा मोड़ जाना पड़ रहा था। जबकि इन दोनों विद्यालयों के बीच की दूरी महज लगभग एक हजार मीटर है। वहीं हंटरगंज के हंी पांडेयपुरा उच्च विद्यालय, पत्थलगडा के उत्क्रमीत उच्च विद्यालय तेतरीया, राज्य कृत मध्य विद्यालय पत्थलगडा को भी समायोजन करने का प्रस्ताव पारीत किया गया है। जबकी उपरोक्त सभी विद्यालय सभी आर्हताएं पुरी करतें हैं। ऐसे में नियमावली का सही से पालन नही करने का स्थानिय ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए आंदोलन की बात कह रहे हैं।
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