जिले के एक मात्र गर्म जलकुंड में 14 एंव 15 जनवरी को उमड़ेगी श्रद्धालुओं की भीड़
चतरा:-पूरे जिले में एक मात्र गर्म जल कुंड गिधौर प्रखंड के द्वारी स्थित बलबल में है।इस जल कुंड में 14 एंव 25 जनवरी को श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ेगी़। हलांकि मेले दस दिन तक रहता है।मकर संक्रांति के मौके पर हर वर्ष यहां गरम कुंड में स्नान करने बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं। बलबल मेला को चतरा का कुंभ मेला भी कहा जाता है़। ऐसी मान्यता है कि यहां के पवित्र गरम कुंड में स्नान कर जो भी सच्चे दिल से मांग बागेश्वरी की पूजा-अर्चना करता है, उनकी मनोकामना पूरी होती है़। यही कारण है कि जिले के अलावा हजारीबाग, रामगढ़, धनबाद आदि जिलों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं। मेला का हालांकि मकर सक्रांति 14 को नहीं मनाने की बात कही जारही है। बताया जा रहा है की 15 को मकर सक्रांति मनाना शुभ होगा।
मेले की पुख्ता है तैयारी
बलबल मेले की तैयारी मेला समिति के सदस्यों ने पूरी तत्परता से की है़ विधायक जयप्रकाश ¨सह भोक्ता भी मेले में शामिल होंगे़। मेले में आये व्यवसायियों को सुरक्षा देने को लेकर लिए पुलिस भी काफी तत्पर दिख रही है।
मनोरंजन के हैं कई साधन
बलबल मेले में मुख्य रूप से पशुओं की खरीद-बिक्री होती है, लेकिन इस वर्ष यहां मनोरंजन के भी कई साधन उपलब्ध है़ मौत का कुआं, बुगी-बुगी, ब्रेक डांस, बड़ा झूला लोगों के मनोरंजन के लिए लगाये गये हैं।
चतरा:-पूरे जिले में एक मात्र गर्म जल कुंड गिधौर प्रखंड के द्वारी स्थित बलबल में है।इस जल कुंड में 14 एंव 25 जनवरी को श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ेगी़। हलांकि मेले दस दिन तक रहता है।मकर संक्रांति के मौके पर हर वर्ष यहां गरम कुंड में स्नान करने बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं। बलबल मेला को चतरा का कुंभ मेला भी कहा जाता है़। ऐसी मान्यता है कि यहां के पवित्र गरम कुंड में स्नान कर जो भी सच्चे दिल से मांग बागेश्वरी की पूजा-अर्चना करता है, उनकी मनोकामना पूरी होती है़। यही कारण है कि जिले के अलावा हजारीबाग, रामगढ़, धनबाद आदि जिलों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं। मेला का हालांकि मकर सक्रांति 14 को नहीं मनाने की बात कही जारही है। बताया जा रहा है की 15 को मकर सक्रांति मनाना शुभ होगा।
मेले की पुख्ता है तैयारी
बलबल मेले की तैयारी मेला समिति के सदस्यों ने पूरी तत्परता से की है़ विधायक जयप्रकाश ¨सह भोक्ता भी मेले में शामिल होंगे़। मेले में आये व्यवसायियों को सुरक्षा देने को लेकर लिए पुलिस भी काफी तत्पर दिख रही है।
मनोरंजन के हैं कई साधन
बलबल मेले में मुख्य रूप से पशुओं की खरीद-बिक्री होती है, लेकिन इस वर्ष यहां मनोरंजन के भी कई साधन उपलब्ध है़ मौत का कुआं, बुगी-बुगी, ब्रेक डांस, बड़ा झूला लोगों के मनोरंजन के लिए लगाये गये हैं।
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