विकास व शिक्षा से कोसों दूर बिरहोर परिवार, प्रशासन से मदद की आस

विकास व शिक्षा से कोसों दूर बिरहोर परिवार, प्रशासन से मदद की आस

पढ़ाई छोड़ने के बाद बिरहोर के बच्चे

उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय चटनियाँ

पूर्व में इस बिरहोर परिवार की खबर दैनिक भाष्कर में छपी थी, 

जेएमएम जिला सचिव राकेश यादव


चतरा:-ऐसे तो आदिम जनजाति यानी कि बिरहोर परिवार के विकास के लिए सरकार लगातार घोषणाएं एवं कार्य करने की बात कहती है। पर जिस प्रकार की स्थिति अभी भी बनी हुई है इसमें सरकार एवं जनप्रतिनिधियों को गंभीरता से कार्य करने की जरूरत है। वर्तमान जो स्थिति जिला मुख्यालय से महज 7 किलोमीटर  की दूरी पर स्थित पुलिस पिकेट चटनियाँ की बनी हुई है। उसके लिए यदि गंभीरता पूर्वक कार्य नहीं हुआ तो सही मायने में शिक्षा व  विकास होना असंभव दिखाई पड़ रहा है।

 2 किलोमीटर दूर विद्यालय को कर दिया गया समायोजित,एक भी बिरहोर के बच्चे नही जाते है स्कूल


पुलिस पिकेट चटनियाँ में उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय चल रहा था,जिसमें कक्षा 1 से लेकर 5 तक की पढ़ाई होती थी।विद्यालय में छात्र-छात्राओं की उपस्थिति पंजी के अनुसार 55बच्चे  है जबकि मात्र 20-25 बच्चे ही स्कूल पहुंच पाते थे।जिसके कारण विद्यालय को नजदीक के विद्यालय आरा में समायोजित कर दिया गया।लेकिन दुर्भाग्य पूर्ण बात यह है कि विद्यालय के समायोजन के लगभग 10 महीना बीत जाने के बाद भी एक भी बिरहोर के बच्चे आरा स्कूल में नामांकन नही कराये है ।जबकि इस ओर ना तो कोई प्रतिनिधि की ध्यान है और ना ही अधिकारियों की।


आदिम जनजाति बिरहोर समुदाय को सुविधा नही मिला तो होगा आंदोलन:-राकेश यादव

इस संबंध में जेएमएम जिला सचिव राकेश यादव को पूरे मामले से अवगत कराया गया तो उन्होंने बताया कि बिरहोर समुदाय को शिक्षा मिलना चाहिए।यदि आदिम जनजाति बिरहोर परिवार को समूर्ण सुविधा उपलब्ध नहीं किया जाता हैं तो हमारी पार्टी आंदोलन भी करेगी।उन्होंने आगे बताया कि लगभग एक वर्ष से बिरहोर के बच्चे विद्यालय नही जा रहे है और किसी की इस ओर ध्यान नहीं है ।इस पूरे मामले में यहाँ की प्रतिनिधि एंव अधिकारियों की उदासीनता को दर्शाती है।उन्होंने इस मामले को लेकर शिक्षा विभाग के अधिकारियों से मिलने की बात कहा।


क्या कहते हैं मुखिया

इस संबंध में मुखिया अनिता यादव से पूछने पर बतायी की उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय चटनियाँ का आरा में समायोजन होने से बिरहोर परिवार के बच्चों को परेशानी हुई हैं।इस संबंध में शिक्षा विभाग के अधिकारियों से बात करूंगी,और स्कूल खोलने का प्रयास किया जाएगा।

क्या कहते है जिला शिक्षा अधीक्षक

इस संबंध में जिला शिक्षा अधीक्षक दुर्योधन महतो से बात करने पर बताये की विद्यालय समायोजन के बाद भी बिरहोर के बच्चे पढ़ाई कर रहे है।लेकिन जब उन्हें एम न्यूज़ 13 के संवाददाता के द्वारा अवगत कराया गया कि चटनियाँ में कुल 35 बिरहोर के बच्चे हैं।जिसमें एक भी बच्चे का नामांकन आरा स्कूल में नही हुआ है।उसके बाद जिला शिक्षा अधीक्षक ने भरोषा दिलाया कि मामले की जांच करते हुए  बिरहोर परिवार की सुविधा को देखते हुए विचार किया जायेगा।सबसे चौकाने वाली बात यह है कि इन बिरहोर परिवार की समस्या को देखते हुए दैनिक भास्कर में विपीन सिंह के द्वारा प्रमुखता से प्रकाशित किया गया था, उस समय भी अधिकारियों के द्वारा आश्वासन दिया गया था कि विद्यालय को पुनः चालू किया जायेगा।

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