झोलाछाप डॉक्टरों पर करें कार्रवाई, अपर मुख्य सचिव ने सभी सीएस को दिए थे आदेश,मुख्य सचिव के आदेश को ठेंगा दिखा रहे है सीएस,बेख़ौफ़ इलाज कर रहे है झोलाछाप डॉक्टर
अपर मुख्य सचिव, स्वास्थ्य ने राज्य के सभी सिविल सर्जन, डीसी और एसपी को पत्र भेजकर अपने-अपने जिले में टास्क फोर्स गठित कर करवाई करने का दिये थे निर्देश
रांची/हजारीबाग:-अपर मुख्य सचिव, स्वास्थ्य ने राज्य के सभी सिविल सर्जन, डीसी और एसपी को पत्र भेजकर अपने-अपने जिले में टास्क फोर्स बनाकर झाेलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाई करने को कहा था। साथ में एफआईआर और क्लीनिक भी बंद कराने की शख्त निर्देश दिये थे ।लेकिन हजारीबाग समेत कई जिले के सीएस मुख्य सचिव की आदेश को ठेंगा दिखाते हुए करवाई के नाम पर सिर्फ खाना पूर्ति कर दिये हैं।जबकि झोलाछाप डॉक्टर बेखौफ होकर इलाज के नाम पर भोले -भाले जनता को दिन -रात लूटने में मशगूल है।इतना ही नहीं मुख्य सचिव ने झोलाछाप डॉक्टरों की इस कार्रवाई का पूरा ब्योरा भी स्वास्थ्य विभाग को भेजने का निर्देश दिये थे। इस पूरी प्रक्रिया को ठीक से अंजाम देने के लिए सभी सिविल सर्जन को जिले के डीसी और एसपी से समन्वय स्थापित करने की सलाह दिया गया था। इधर, पुलिस महानिदेशक को भी मामले से अवगत कराते हुए मासिक क्राइम मीटिंग में झोलाछाप डॉक्टरों के विरुद्ध हुई कार्रवाई की समीक्षा करने को कहा गया है। बताते चलें कि डीबी स्टार ने राज्य के झोलाछाप डॉक्टरों के संबंध में खबर प्रकाशित की थी। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने यह आदेश दिया है।
इसके पूर्व भी झोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ कारवाई मिल चुका है आदेश
15दिसंबर 2015 को भी दिया था आदेश : झोलाछापडॉक्टरों पर रोक लगाने के लिए दिसंबर 2015 में भी आदेश जारी किया गया था, पर कार्रवाई नहीं की गई। अब स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी का यह पत्र स्वास्थ्य विभाग की ही पोल खोलने के लिए काफी है। पत्र में स्पष्ट कहा गया है कि बार-बार निर्देश के बाद भी झोलाछाप डॉक्टर खुलेआम प्रैक्टिस कर रहे हैं। यह एक गंभीर मामला है।
हर बार अधूरी रह जाती है कार्रवाई
इससेपूर्व जिला स्तर पर टीम का गठन कर झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ अभियान की शुरुआत की गई। राज्य जिले के विभिन्न क्षेत्रों में निजी क्लीनिक की जांच-पड़ताल की गई। सबको नोटिस भेजकर शैक्षणिक प्रमाण-पत्र, रजिस्ट्रेशन सहित अन्य कागजात की मांग की गई। लेकिन अभियान यहां से आगे नहीं बढ़ पाया और झोलाछाप डॉक्टर पुन: काम में जुट गए। इन फर्जी डॉक्टरों के विरुद्ध कार्रवाई के लिए गठित टीम में खुद सिविल सर्जन, आईएमए जिला प्रशासन की ओर से अधिकारी शामिल थे।
डीबी स्टार ने 19 नवंबर के अंक में तमाड़ के कथित डॉ. मनोज कुमार के कारनामों का खुलासा किया था। स्वास्थ्य विभाग ने इसे गंभीरता से लिया और ये आदेश दिया है।
हजारीबाग के इन डॉक्टरों के खिलाफ हुई जांच,अखबार के सुर्खियों में रहने के बाद भी बेखौफ कर रहे है इलाज
हजारीबाग जिले में झोलाछाप डॉक्टर की मामला काफी गंभीर है ।यहां झोलाछाप डॉक्टरों की पहुंच इतना लम्बी है कि जब भी मामला गभीरं होता है और जांच तक पहुंचता तो जांच से पहले इन लोगों को पहले भनक मिल जाता है और अपना-अपना बोरिया -विस्तर बांध कर सो जाते है।मामला ठंडा शुरू होते ही पुनः अपने काम में जुट जाते है।
इन डॉक्टरों के यहां हुआ था छापा
जलमा चौक में डॉ जगत प्रसाद,डॉ पचानन्द प्रसाद,बहिमर चौक में डॉ रामबृक्ष प्रसाद,डाड़ में डॉ टॉमी कुमार(बंगाली दवाखाना),कटकमसांडी में डॉ टी कुमार,डॉ केसी अधिकारी, डॉ हिमांशु कुमार, सारूगाड़ू में डॉ संतोष माली ,डॉ होरिल साव,डॉ रामदेव माली ,लुपुंग में डॉ अनिरुद्ध प्रसाद,सूर्यकांत प्रसाद,हेदलाग में डॉ कैलाश साहू समेत सैकड़ों ऐसे डॉक्टर है जो जांच के समय किनारे लग जाते है।इन डॉक्टरों के खिलाफ समय -समय पर अखबार की सुर्खियों में छाये रहते है।
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