1 वर्षीय बच्ची के मौत के बाद हरकत में अधिकारी
किस गुनाह में मौत का सजा मिला 1 वर्षीय बच्ची को
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चतरा : - हमारे देश की संविधान निर्माता का कहना था कि एक सौ गुनहगार बच जाए लेकिन एक बेगुनाह को सजा नहीं मिले । लेकिन उनके इस सोच को मिट्टी पलीत होते हुए चतरा में कभी भी देखा जा सकता है । ऐसा ही एक मामला चतरा के स्थानीय मंडल कारा में देखने को मिल रहा है । प्राप्त सूचना के अनुसार मंडल कारा में बंदी मुनिया देवी की एक वर्षीय बच्ची प्रिया कुमारी की मंगलवार को उपचार के दौरान मौत हो गई। बच्ची निमोनिया और डारयरिया से पीड़ित थी। वह पिछले पंद्रह दिनों से बीमार थी, स्थिति बेहद गंभीर होने पर कारा प्रशासन ने सोमवार को अपराह्न 1:30 बजे बच्ची को सदर अस्पताल में भर्ती कराया था, जहां बच्ची की गंभीर हालात को देखते हुए डाक्टरों ने उसे रिम्स रेफर कर दिया, लेकिन जेलर दिनेश वर्मा ने कहा कि कागजी प्रक्रिया को पूरा करने में कई तरह की परेशानी होगी इसलिए बच्ची का इलाज यहीं करें। चिकित्सकों का कहना है कि जेलर की लापरवाही की वजह से बच्ची की मंगलवार की सुबह मौत हो गई। मौत की जानकारी जैसे ही पुलिस महकमे को हुई, तुरंत अपर समाहर्ता संतोष कुमार सिन्हा, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी वरुण रजक, सदर थाना प्रभारी प्रमोद पांडेय अस्पताल पहुंचकर वस्तु स्थिति से अवगत हुए। एसडीपीओ ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है। इधर बच्ची की मां ने बताया कि पंद्रह दिन पूर्व अचानक बच्ची की तबियत खराब हो गई थी। जिसके बाद उसने इसकी जानकारी जेलर को दी। जेलर ने बच्ची की स्थिति में सुधार न होता देख सदर अस्पताल में पदस्थापित डॉक्टर अजहर को इलाज करने के लिए मंडल कारा बुलाया। बच्ची का स्वास्थ्य जांच करने पर पता चला कि वह निमोनिया से ग्रसित है। उन्होंने जेलर को सलाह दिया कि प्रतिदिन बच्ची को भाप व इंजेक्शन लेना होगा। इसके लिए बच्ची को सदर अस्पताल में भर्ती करना होगा। उन्होंने बच्ची को मंडल कारा से सदर अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। लेकिन जेलर ने उनकी बात अनसुनी कर दी। पांच-छह दिन बीत जाने के बाद बच्ची की तबियत और अधिक बिगड़ गई। इसके बाद फिर से डॉक्टर के सलाह पर जेलर ने सुबह-शाम बच्ची को अस्पताल भेजकर दवाइयां व भाप दिलाना शुरू किया। करीब पांच-छह दिनों में बच्ची लगभग ठीक हो गई थी। लेकिन सोमवार से बच्ची को डिहाइड्रेशन होने लगा। उसके बाद उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां ड्यूटी पर तैनात डॉ. अरविद ने बच्ची की जांच की और उसे डायरिया से ग्रसित पाया। उसके बाद उन्होंने उसे बेहतर उपचार के लिए रिम्स रेफर कर दिया।
हत्या के आरोप में बंदी है मुनिया देवी
बंदी मुनिया देवी इटखोरी थाना क्षेत्र के राजवर गांव निवासी प्रमोद भुइयां की पत्नी है। मुनिया देवी पर दो माह पूर्व अपनी सास को जहर देकर हत्या करने का आरोप है। उसकी एक पुत्री भी थी, जो करीब एक वर्ष की थी। मुनिया को जेल होने के बाद वह अपनी पुत्री को अपने साथ मंडल कारा ले गई थी।
मेडिकल बोर्ड ने किया पोस्टमार्टम
दो डॉक्टरों की मेडिकल बोर्ड ने बच्ची के शव का पोस्टमार्टम किया। गठित बोर्ड में सिविल सर्जन डा. अरूण कुमार पासवान एवं डा. राजीव रंजन का नाम शामिल है। मजिस्ट्रेट के रूप में कार्यपालक दंडाधिकारी सलमान खिलजी मौजूद थे। बोर्ड व मजिस्ट्रेट की उपस्थिति वीडियोग्राफी के जरिए शाम चार बजे शव का पोस्टमार्टम किया गया।
क्या कहते हैं जेलर
इस संबंध में जेलर दिनेश वर्मा से संपर्क करने का प्रयास किया गया । लेकिन संपर्क नहीं हो सका
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