अभिषेक सिंह कान्हाचट्टी
कान्हाचट्टी : चतरा विधानसभा सीट पर महागठबंधन प्रत्याशी सत्यानंद भोक्ता का जादू यूं चला कि उनकी आंधी में बाकी सभी प्रत्याशियों के साथ-साथ भाजपा के फायर ब्रांड नेता जनार्दन पासवान भी उड़ गए। सत्यानंद भोक्ता के जीत में जितना योगदान बिहार के प्रतिपक्ष नेता तेजस्वी यादव, झामुमो सुप्रीमो हेमंत सोरेन, कांग्रेस राष्टीय अध्यक्ष राहुल गांधी की छवि का था, उतना ही या यूं कह लें कि उससे भी कहीं ज्यादा योगदान उनके अपने शुभचिंतक सुजीत सिंह का रहा।
श्री भोक्ता को जीत दिलाने के लिेए सुजीत ने चाणक्य की भूमिका निभाए । सुजीत सिंह कान्हाचट्टी प्रखण्ड के जाने माने हस्ती उपेन्द्र प्रसाद सिंह के बेटा है l चतरा में सत्यानंद भोक्ता की ऐतिहासिक जीत के चाणक्य बने कन्हाचट्टी निवासी सुजीत सिंह कान्हाचट्टी जैसे सुदूरवर्ती क्षेत्र से उठकर बेंगलुरु जैसे महानगर में अपने क्षमता से प्रतिष्ठित उद्यमी हैं l सत्यानंद भोक्ता की चतरा विधानसभा जीत के पीछे पूरी रणनीति सुजीत सिंह की ही थी, सुजीत अपनी सटीक रणनीति एवं धारदार प्लानिंग के तहत भाजपा के गढ़ में सेंधमारी करने में सफल हुए चतरा के चाणक्य।
करीब 6 माह पहले ही चुनाव का पटकथा लिख चुके थे l श्री भोक्ता को चुनाव जिताने के लिए सुजीत ने कोई कसर नहीं छोड़े । सुजीत पूरे समय विधानसभा के क्षेत्र में सक्रिय रहे। उन्होंने जमीनी स्तर पर काम करते हुए 50 से ज्यादा सभाएं किए और जनसंपर्क चलाए। सुजीत ने युवाओं से सीधा संवाद स्थापित किया था और युवाओं को दोस्त बनाए जिसके चलते उन्हें पुरा विधानसभा में जनता का जबरदस्त समर्थन मिला। बता दें कि सुजीत सिंह को चुनाव अभियान के दौरान कान्हाचट्टी और चतरा के राजनैतिक वारिस के तौर पर भी देखा जा रहा है।
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