सरकार’ कहां हैं आप, सुंदरता दिखाने के लिए हरियोंखार जलप्रपात का संघर्ष,जलप्रपात भी शासन-प्रशासन, जनप्रतिनिधियों और आमलोगों को अपनी सुंदरता दिखाने के लिए कर रही हैं संघर्ष,एक ही प्रखण्ड में है दो जलप्रपात सरकार व स्थानीय जनप्रतिनिधि एक के आंख में लगा रही है सूरमा तो एक के आंख में डाल रही है किल

अभिषेक सिंह कान्हाचट्टी


 कान्हाचट्टी :- झारखंड के साथ पर्यटन के मामले में यह दुर्भाग्य जुड़ा रहा है कि यहां कई ऐसे स्थान हैं, जिसे पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित किया जा सकता था। लेकिन इस कड़ी में काम काफी कम हुए, नहीं हुए या फिर उस ओर ध्यान ही नहीं दिया गया। 19 वर्ष के झारखंड में कई सरकारें आयीं-गयीं। लेकिन पर्यटन स्थलों को विकसित करने की दिशा में ना सरकार और न ही उस इलाके के जनप्रतिनिधियों की मुकम्मल निगाहें गयीं। उन जगहों पर पर्यटक भी नहीं पहुंच सके और पर्यटन स्थल तक ले जाने के लिए सड़क सही नहीं रहने के कारण परिवहन की भी व्यवस्था नहीं हो सकी। इस वजह से प्राकृतिक सुंदरता के चेहरे को देखने से भी लोग वंचित रह गये। झारखंड और चतरा जिले में कई जलप्रपात हैं। चतरा जिले में तमासिन, हुंडरू, गोवा जैसे जलप्रपात तो नामचीन हैं, लेकिन कई जलप्रपात अभी भी प्रशासनिक एवं जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण लोगों की नजरों से दूर हैं। ऐसा ही एक खूबसूरत जलप्रपात कान्हाचट्टी प्रखंड के तुलबुल पंचायत में हरियोंखार जलप्रपात हैं।

 चारों ओर जंगल और पहाड़ से घिरा है यह जलप्रपात


 चारों ओर पहाड़ व जंगलों से घिरे होने के कारण हरियोंखार जलप्रपात की प्राकृतिक सुदंरता काफी मनोरम हैं। यहां करीब 200 सौ फीट की उंचाई से सपाट पानी गिरता हैं। यह जलप्रपात कान्हाचट्टी प्रखंड के तुलबुल पंचायत के सहोर गांव में स्थित हैं। _*ग्रामीण बताते हैं,सालोंभर गिरते रहता है पानी*_ यहां के ग्रामीण और हरियोंखार विकाश समिति के अध्यक्ष नरेश सिंह खेरवार एवं सिकेंदर खेरवार ने बताया कि यहां सालोंभर पानी गिरता रहता हैं। बारिश के दिनों में फॉल की खूबसूरती और बढ़ जाती हैं। लेकिन गर्मी के मौसम में मई व जून माह में पानी का प्रेशर कम हो जाता हैं। लेकिन इसके विकसित करने की आज तक कोई कवायद नही की गयी। आज तक इस फॉल तक पहुंचने के लिए कोई पहुंच पथ का निर्माण नही हो सका हैं। पैदल ही एकमात्र रास्ता हैं। वह भी काफी दुर्गम हैं। _*जलप्रपात तक पहुंचने के हैं दो रास्ते*_ हरीयोखार फॉल पहुंचने के दो प्रमुख रास्ते हैं। पहला पथ जैसपुर गांव होते हुए 2 किमी जंगल के ऊपर जाना होगा। दूसरा पहुंच पथ सहोर गांव से होते हुए 3 किमी की दूरी तय कर इस फॉल तक पहुंचा जा सकता है।





कान्हाचट्टी प्रखंड मुख्यालय से 15 किमी की दूरी तय करने पर हरियोंखार के पास रास्ते में दोनों ओर जंगल की खूबसूरती खास ही रंग दिखाती है। _*प्रखण्ड में है दो जलप्रपात सरकार दोनों में कर रही है दो भाव, एक का बहुत तेजी से हो रहा है विकाश तो एक ओर किन्हीं का नहीं है नजर*_ कान्हाचट्टी प्रखण्ड अन्तर्गत एक ही पंचायत में प्राकृतिक की गोद से दो जलप्रपात उत्पन्न हुवे है एक है तमासि न और दूसरा है हरियों खार लेकिन सरकार और स्थानीय जनप्रतिनिधि का नजर सिर्फ तमासिन पर है हरियोखर की ओर आज तक कोई जनप्रतिनिधि ना ही नजर उठाकर देखे और ना ही चर्चा किए जिससे लोगो में नाराजगी देखी जा रही है l

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