आवेदन में संदीप ने कहा है कि जनवरी, 2018 में उसने बैंक से पान दुकान का व्यवसाय चलाने के लिए 50 हजार रुपये का ऋण लिया था। वह उसका ब्याज भी दे रहा है। लेकिन अचानक शाखा प्रबंधक ने 28 नवंबर को सवा तीन बजे बैंक में बुलाया और ऋण चुकाने के बारे में पूछा। उसने कुछ और दिन की मोहलत मांगी। इस पर वह आक्रोशित हो उठे और उसे कपड़े खोल देने को कहा। इस पर उसने अपनी शर्ट उतार कर दे दी। बैंक मैनेजर के इस दुर्व्यवहार से वह बेहद अपमानित महसूस कर रहा है। वह बैंक मैनेजर पर कार्रवाई चाहता है।
जानें, क्या कहते हैं मैनेजर
इधर, बैंक मैनेजर अनिल कुमार केसरी का कहना है कि उसका एकाउंट एनपीए हो चुका है। उसे सिर्फ इतना कहा था कि ऋण चुका दो, नहीं तो बैंक ऋण धारकों से ऋण वसूली में उनके कपड़े तक उतरवा देती है। समझाने वाले भाव से कहे गए इस शब्द को अन्यथा ले लिया और शर्ट उतार दी। मेरा उसका दिल दुखाने का कतई इरादा नहीं था।
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