टंडवा(चतरा):- औद्योगिक नगरी टंडवा प्रखंड में संचालीत मगध कोल परियोजना माईंस बंद हो गया है। इसको लेकर प्रभावित क्षेत्र के विस्थापित एवं प्रभावित भूरैयतों की बैठक देवलगड़ा विद्यालय प्रांगण में हुई। जिसकी अध्यक्षता समाज सेवी बहादुर उरांव व संचालन धनेश्वर उरांव ने किया। इस दौरान परियोजना को विस्तार करने को लेकर सीसीएल द्वारा गांव के जमीन अधिग्रहित किए जाने पर चर्चा करते हुए आम सहमती बनाने का प्रयाश किया गया। ग्रामीणो ने कहा कि हमलोग सीसीएल को सशर्त जमीन देने को तैयार हैं। लेकिन हमारी बातों को सीसीएल प्रबंधन मानने को तैयार नही होती है। ग्रामीणांे व रैयतों ने परियोजना विस्तार में जमीन देने के लिए भूरैयतों को नौकरी, मुआवजा एक साथ भुगतान करने, वन पट्टा एवं गैरमजुरवा भूमि का मुआवजा रैयती के समतुल्य देने, क्षेत्र में पानी-बिजली, सड़क, शिक्षा व चिकित्सा की व्यवस्था अबिलंब किए जाने की मांग रखी है। साथ हीं निर्दोश ग्रामीणों व भूरैयतों पर हुए मुकदमे वापस लेने आदि की भी मांग रखी गई है। मालूम हो कि मगध कोल परियोजना वर्तमान में कुंडी गांव में संचालित है। इस गांव में लिए गए सारे जमीन से कोयला निकाल लिया गया है। सीसीएल को ओबी व कोयला रखने के लिए पर्याप्त जमीन नही है। जिसके कारण एक दिसंबर से कोयला उत्खनन कार्य बंद है। परियोजना को आगे कार्य करने के लिए अतिरिक्त भूमि की आवश्यकता है। जो देवलगडा गांव के ही जमीन उपयुक्त है।
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मगध परियोजना कोल माईंस हुवा बंद, देवलगडा के भूरैयत सीसीएल को सशर्त जमीन देने को तैयार
टंडवा(चतरा):- औद्योगिक नगरी टंडवा प्रखंड में संचालीत मगध कोल परियोजना माईंस बंद हो गया है। इसको लेकर प्रभावित क्षेत्र के विस्थापित एवं प्रभावित भूरैयतों की बैठक देवलगड़ा विद्यालय प्रांगण में हुई। जिसकी अध्यक्षता समाज सेवी बहादुर उरांव व संचालन धनेश्वर उरांव ने किया। इस दौरान परियोजना को विस्तार करने को लेकर सीसीएल द्वारा गांव के जमीन अधिग्रहित किए जाने पर चर्चा करते हुए आम सहमती बनाने का प्रयाश किया गया। ग्रामीणो ने कहा कि हमलोग सीसीएल को सशर्त जमीन देने को तैयार हैं। लेकिन हमारी बातों को सीसीएल प्रबंधन मानने को तैयार नही होती है। ग्रामीणांे व रैयतों ने परियोजना विस्तार में जमीन देने के लिए भूरैयतों को नौकरी, मुआवजा एक साथ भुगतान करने, वन पट्टा एवं गैरमजुरवा भूमि का मुआवजा रैयती के समतुल्य देने, क्षेत्र में पानी-बिजली, सड़क, शिक्षा व चिकित्सा की व्यवस्था अबिलंब किए जाने की मांग रखी है। साथ हीं निर्दोश ग्रामीणों व भूरैयतों पर हुए मुकदमे वापस लेने आदि की भी मांग रखी गई है। मालूम हो कि मगध कोल परियोजना वर्तमान में कुंडी गांव में संचालित है। इस गांव में लिए गए सारे जमीन से कोयला निकाल लिया गया है। सीसीएल को ओबी व कोयला रखने के लिए पर्याप्त जमीन नही है। जिसके कारण एक दिसंबर से कोयला उत्खनन कार्य बंद है। परियोजना को आगे कार्य करने के लिए अतिरिक्त भूमि की आवश्यकता है। जो देवलगडा गांव के ही जमीन उपयुक्त है।
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