अधिवक्ता का पुत्र बना नौ सेना में सबलेफ्टिनेंट
चतरा:-शहर के चौर मोहल्ला का रहने वाले अधिवक्ता अलख कुमार सिंह का पुत्र सतीश कुमार भारतीय नौ सेना में सवलेफ्टिनेंट बनें। वे 22 नवंबर को केरल के एजी माला में पास आउट प्रेड किया। मौके पर उनके पिता अलख कुमार सिंह व माता मालती देवी मौजूद थे। सतीश चार वर्षों के प्रशिक्षण के बाद सबलेफ्टिनेंट बने। उन्होंने भारतीय नौ सेना एकादमी एजी माला केरल में प्रशिक्षण प्राप्त किया। उनके पिता अलख कुमार सिंह चतरा व्यवहार न्यायालय में अधिवक्ता हैं। उनके दादा जयकरण सिंह भी इसी न्यायालय में अधिवक्ता हैं। सतीश शुरू से ही मेघावी छात्र रहे हैं। उन्होंेन प्रारंभिक शिक्षा गॉड-फ्रे पब्लिक स्कूल चतरा से प्राप्त किया। इसी विद्यालय से उन्होंने वर्ष 2011 में सीबीएसई बोड से 10वीं की परीक्षा प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण हुए। इसके बाद उन्होंने वर्ष 2013 में 10+2 (इंटर साईंस) की पढ़ाई डीएवी बरियातू रांची से की। इस परीक्षा में भी उन्होंने प्रथम श्रेणी से पास की। इसके बाद उन्होंने एनडीए की परीक्षा में शामिल हुए। प्रथम प्रयास में ही इस परीक्षा में उन्हें सफलता मिली। इसके बाद उन्हें चार वर्षों के प्रशिक्षण के बाद नौ सेना में सबलेफ्टिनेंट बनाया गया। इस कामयाबी का श्रेय उन्होंने शिक्षक, दादा-दादी, माता-पिता और भाई-बहन को दिया है। वे लगभग एक महिने की छुट्टी बिताने घर आए हैं। इनका पहला पोस्टिंग केरल के कोची में होगा।
चतरा:-शहर के चौर मोहल्ला का रहने वाले अधिवक्ता अलख कुमार सिंह का पुत्र सतीश कुमार भारतीय नौ सेना में सवलेफ्टिनेंट बनें। वे 22 नवंबर को केरल के एजी माला में पास आउट प्रेड किया। मौके पर उनके पिता अलख कुमार सिंह व माता मालती देवी मौजूद थे। सतीश चार वर्षों के प्रशिक्षण के बाद सबलेफ्टिनेंट बने। उन्होंने भारतीय नौ सेना एकादमी एजी माला केरल में प्रशिक्षण प्राप्त किया। उनके पिता अलख कुमार सिंह चतरा व्यवहार न्यायालय में अधिवक्ता हैं। उनके दादा जयकरण सिंह भी इसी न्यायालय में अधिवक्ता हैं। सतीश शुरू से ही मेघावी छात्र रहे हैं। उन्होंेन प्रारंभिक शिक्षा गॉड-फ्रे पब्लिक स्कूल चतरा से प्राप्त किया। इसी विद्यालय से उन्होंने वर्ष 2011 में सीबीएसई बोड से 10वीं की परीक्षा प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण हुए। इसके बाद उन्होंने वर्ष 2013 में 10+2 (इंटर साईंस) की पढ़ाई डीएवी बरियातू रांची से की। इस परीक्षा में भी उन्होंने प्रथम श्रेणी से पास की। इसके बाद उन्होंने एनडीए की परीक्षा में शामिल हुए। प्रथम प्रयास में ही इस परीक्षा में उन्हें सफलता मिली। इसके बाद उन्हें चार वर्षों के प्रशिक्षण के बाद नौ सेना में सबलेफ्टिनेंट बनाया गया। इस कामयाबी का श्रेय उन्होंने शिक्षक, दादा-दादी, माता-पिता और भाई-बहन को दिया है। वे लगभग एक महिने की छुट्टी बिताने घर आए हैं। इनका पहला पोस्टिंग केरल के कोची में होगा।
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