पलामू : अपहृत बीपीएम तीन दिन बाद मुक्त, चैनपुर के बान पहाड़ी से हुए बरामद ,पुलिस के लिए बड़ी उपलब्धि

पलामू : अपहृत बीपीएम तीन दिन बाद मुक्त, चैनपुर के बान पहाड़ी से हुए बरामद ,पुलिस के लिए बड़ी उपलब्धि
  गढ़वा :-जिले के रंका सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के बीपीएम सुधीर कुमार को अपहरण की घटना के तीन दिन बाद सकुशल मुक्त करा लिया गया है. पलामू जिले के चैनपुर थाना क्षेत्र के बान पहाड़ी जंगल से शनिवार की रात बीपीएम को मुक्त कराया गया. पुलिस को इस घटना में शामिल कई अपराधियों की जानकारी मिली है, जिसकी गिरफ्तारी के लिए छापामारी की जा रही है. 
चैनपुर थाना में रविवार की दोपहर पत्रकारों को जानकारी देते हुए डीएसपी हीरालाल रवि ने बताया कि बीपीएम के अपहरण के बाद रामगढ़ थाना में एएनएम सनारती टोप्पो के बयान पर प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. बीपीएम को सकुशल बरामद करने के लिए गढ़वा जिले की रंका और रमकंडा पुलिस के साथ-साथ पलामू जिले के रामगढ़, चैनपुर और शहर थाना पुलिस को लगाया गया था.
संभावित ठिकानों पर हुई सघन छापामारी
डीएसपी ने बताया कि 22 दिसम्बर से 23 दिसम्बर की रात तक गढ़वा और पलामू पुलिस की संयुक्त छापामारी हुई. अपराधियों के संभावित ठिकानों पर छापामारी की गयी. जांच में सहयोग के लिए डॉग स्क्वायड की भी मदद ली गयी. संदेह के आधार पर कुछ अपराधियों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया, जिससे पुलिस को कई अहम सुराग मिले. इसी क्रम में बीपीएम की कार चैनपुर थाना क्षेत्र के पथरा इलाके से बरामद की गयी. आम सूचना, तकनीक की सहायता और गुप्तचरों की तैनाती से बीपीएम को शनिवार की रात करीब 10 बजे बान पहाड़ी से बरामद किया गया. उन्होंने बताया कि पूछताछ में बीपीएम ने बताया है कि अपराधियों की संख्या 5-6 के आस-पास थी.
21 दिसम्बर की रात बीपीएम सहित तीन का हुआ था अपहरण
गत 21 दिसम्बर की रात करीब 11 बजे रंका सीएचसी के बीपीएम सुधीर कुमार, एएनएम सनारती टोप्पो और व्यवसायी मनोज प्रसाद को रामगढ़ थाना क्षेत्र के नावाडीह रोड पर तेलमरवा घाटी के पास से कुछ अपराधकर्मियों ने वाहन सहित अपहरण कर लिया था. 22 दिसम्बर की सुबह सनारती टोप्पो और मनोज प्रसाद को छोड़ दिया गया था, जबकि बीपीएम को अपहरणकर्ता अपने साथ ले गये थे. सुधीर कुमार से 10 लाख रूपये फिरौती की मांग की गयी थी.
टीपीसी कमांडर महेन्द्र खरवार पर शक

रंका के डीएसपी विजय कुमार ने बताया कि इस घटना के पीछे टीपीसी कमांडर महेन्द्र सिंह खरवार का हाथ सामने आ रहा है. उसमें छह लोग शामिल थे. एक सोची समझी रणनीति के तहत ट्रकों को रास्ते में रोककर बीपीएम का अपहरण किया गया था. सुधीर कुमार पलामू जिले के मोहम्मदगंज के निवासी हैं. उनके पिता अंबिका राम बोकारो में काम करते हैं.(सभार न्यूज़ विंग)

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