अब सरकारी कर्मी का भी नही चलेगा मनमानी,बिना हेलमेट अपने ऑफिस नही जा सकते है सरकारी कर्मचारी
चतरा: -उपायुक्त का नया आदेश ने आदत से लाचार लोगों के लिए फजीहत खड़ा कर रख दिये हैं।उनके नया आदेश में बताया गया है कि कोई भी मोटरसाइकिल चालक किसी काम से सरकारी दफ्तर जा रहे हैं, तो उसके पहले हेलमेट निश्चित रूप से लगा लें। चूंकि बगैर हेलमेट दो पहिया चालकों के लिए समाहरणालय सहित किसी भी सरकारी दफ्तरों के परिसर में प्रवेश पर रोक लगा दिया गया है। इस बाबत उपायुक्त संदीप ¨सह ने 22 दिसंबर को विधिवत रूप से एक आदेश जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि आदेश का अवहेलना करने वाले नियमानुकूल दंड के भागीदार होंगे। डीसी ने अपने आदेश में स्पष्ट शब्दों में कहा है कि आम तौर पर देखा जा रहा है कि समाहरणालय में विभिन्न विभागों के पदाधिकारी एवं कर्मचारी दो पहिया वाहन से बिना हेलमेट के परिसर में प्रवेश करते हैं, जो कानूनन जुर्म है और संबंधित अधिकारी व कर्मी दंड के भागीदारी हैं। आदेश में आगे कहा गया है कि बगैर हेलमेट पहनकर दो पहिया वाहन पर सफल करना सीधे तौर पर खतरा का संकेत है। मोटरसाइकिल चालकों के लिए हेलमेट व्यक्तिगत सुरक्षा कवच है। ऐसे में सभी जिला स्तरीय पदाधिकारियों, कार्यालय प्रधानों को निदेश दिया जाता है कि उनके अधीन कार्यरत पदाधिकारी एवं कर्मियों को आदेश पर अमल करने को निदेशित करें। उपायुक्त का आदेश जारी होने के बाद मोटरसाइकिल चालकों में हड़कंप मचा हुआ है। हालांकि आदेश के पहले दिन कोई असर नहीं देखने को मिला। सामान्य दिनों की तरह से समाहरणालय, विकास भवन, अनुमंडल कार्यालय, जिला परिषद, परिवहन कार्यालय, कृषि कार्यालय, प्रखंड व अंचल कार्यालय, झारखंड शिक्षा परियोजना सहित अन्य सरकारी कार्यालयों के परिसरों में मोटरसाइकिल चालक बगैर हेलमेट के आए और गए। मजेदार बात तो यह है कि इनमें सरकारी कर्मी भी शामिल हैं।
चतरा: -उपायुक्त का नया आदेश ने आदत से लाचार लोगों के लिए फजीहत खड़ा कर रख दिये हैं।उनके नया आदेश में बताया गया है कि कोई भी मोटरसाइकिल चालक किसी काम से सरकारी दफ्तर जा रहे हैं, तो उसके पहले हेलमेट निश्चित रूप से लगा लें। चूंकि बगैर हेलमेट दो पहिया चालकों के लिए समाहरणालय सहित किसी भी सरकारी दफ्तरों के परिसर में प्रवेश पर रोक लगा दिया गया है। इस बाबत उपायुक्त संदीप ¨सह ने 22 दिसंबर को विधिवत रूप से एक आदेश जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि आदेश का अवहेलना करने वाले नियमानुकूल दंड के भागीदार होंगे। डीसी ने अपने आदेश में स्पष्ट शब्दों में कहा है कि आम तौर पर देखा जा रहा है कि समाहरणालय में विभिन्न विभागों के पदाधिकारी एवं कर्मचारी दो पहिया वाहन से बिना हेलमेट के परिसर में प्रवेश करते हैं, जो कानूनन जुर्म है और संबंधित अधिकारी व कर्मी दंड के भागीदारी हैं। आदेश में आगे कहा गया है कि बगैर हेलमेट पहनकर दो पहिया वाहन पर सफल करना सीधे तौर पर खतरा का संकेत है। मोटरसाइकिल चालकों के लिए हेलमेट व्यक्तिगत सुरक्षा कवच है। ऐसे में सभी जिला स्तरीय पदाधिकारियों, कार्यालय प्रधानों को निदेश दिया जाता है कि उनके अधीन कार्यरत पदाधिकारी एवं कर्मियों को आदेश पर अमल करने को निदेशित करें। उपायुक्त का आदेश जारी होने के बाद मोटरसाइकिल चालकों में हड़कंप मचा हुआ है। हालांकि आदेश के पहले दिन कोई असर नहीं देखने को मिला। सामान्य दिनों की तरह से समाहरणालय, विकास भवन, अनुमंडल कार्यालय, जिला परिषद, परिवहन कार्यालय, कृषि कार्यालय, प्रखंड व अंचल कार्यालय, झारखंड शिक्षा परियोजना सहित अन्य सरकारी कार्यालयों के परिसरों में मोटरसाइकिल चालक बगैर हेलमेट के आए और गए। मजेदार बात तो यह है कि इनमें सरकारी कर्मी भी शामिल हैं।
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