कृषि विज्ञान केन्द्र में विश्व मृदा दिवस का आयोजन
चतरा :- मंगलवार को कृषि विज्ञान केन्द्र चतरा में विश्व मृदा दिवस का आयोजन किया गया। इस अवसर परें भारत सरकार के प्रधान मंत्री एवं कृषि मंत्री डॉ. राधा मोहन सिंह के संदेश का प्रर्दशन भी किसानों के सामने किया गया। 200 किसानों के बीच मृदा स्वास्थ्य कार्ड का वितरण भी किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित जिप उपाध्यक्ष रूबी वर्मा ने किसानों को संबोंधित करते हुए कहा कि फसल का उत्पादन उस खेत की मिट्टी पर निर्भर करता है। स्वास्थ्य मिट्टी वाले खेतों में फसल की उपज अधिक और गुणवत्तापूर्ण होती है। कार्यक्रम को सांसद प्रतिनिधि निर्भय कुमार ठाकुर ने भी संबोधित किया। विधायक प्रतिनिधि नगेश्वर शर्मा, डाढ़ा मुखिया शोभा देवी, मुखिया गंधरिया अनिता यादव, मुखिया टीकर मीना देवी, प्रखंड प्रमुख ललीता देवी, जिला भूमि संरक्षण पदाधिकारी, जिला मत्स्य पदाधिकारी, डीडीएम नाबार्ड आदि ने भी किसानों को संबोधित किया। कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ. रंजय कुमार सिंह ने किसानों को बताया कि जिले में मुख्यतः तीन प्रकार की मिट्टी पाई जाती है। ऊपरी मध्यम और निचली। जिले की मिट्टी का पीएच मान 4-7 से 8-1 तक पाया गया है। इस क्षेत्र में 66-2 प्रतिशत मिट्टी अम्लीय व 15.3 प्रतिशत मिट्टी क्षारीय है। 19.8 प्रतिशत मिट्टी अम्लीय समस्या से ग्रसित है अतः इसका उपचार करना जरूरी है।
चतरा :- मंगलवार को कृषि विज्ञान केन्द्र चतरा में विश्व मृदा दिवस का आयोजन किया गया। इस अवसर परें भारत सरकार के प्रधान मंत्री एवं कृषि मंत्री डॉ. राधा मोहन सिंह के संदेश का प्रर्दशन भी किसानों के सामने किया गया। 200 किसानों के बीच मृदा स्वास्थ्य कार्ड का वितरण भी किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित जिप उपाध्यक्ष रूबी वर्मा ने किसानों को संबोंधित करते हुए कहा कि फसल का उत्पादन उस खेत की मिट्टी पर निर्भर करता है। स्वास्थ्य मिट्टी वाले खेतों में फसल की उपज अधिक और गुणवत्तापूर्ण होती है। कार्यक्रम को सांसद प्रतिनिधि निर्भय कुमार ठाकुर ने भी संबोधित किया। विधायक प्रतिनिधि नगेश्वर शर्मा, डाढ़ा मुखिया शोभा देवी, मुखिया गंधरिया अनिता यादव, मुखिया टीकर मीना देवी, प्रखंड प्रमुख ललीता देवी, जिला भूमि संरक्षण पदाधिकारी, जिला मत्स्य पदाधिकारी, डीडीएम नाबार्ड आदि ने भी किसानों को संबोधित किया। कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ. रंजय कुमार सिंह ने किसानों को बताया कि जिले में मुख्यतः तीन प्रकार की मिट्टी पाई जाती है। ऊपरी मध्यम और निचली। जिले की मिट्टी का पीएच मान 4-7 से 8-1 तक पाया गया है। इस क्षेत्र में 66-2 प्रतिशत मिट्टी अम्लीय व 15.3 प्रतिशत मिट्टी क्षारीय है। 19.8 प्रतिशत मिट्टी अम्लीय समस्या से ग्रसित है अतः इसका उपचार करना जरूरी है।
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