अफीम के अवैध खेती पर रोक को ले पुलिस ने की प्रतिनिधियों व ग्रामीणों के साथ बैठक, जहर की खेती से होने वाले दुष्परीणा से सभी को कराया अवगत

अफीम के पौधे का फाइल फोटो


चतराः मिनी अफगानिस्तान के नाम से बदनाम हो चुके चतरा जिले की पहचान एसपी अखिलेश बी वारियर के पहल पर बदलने वाली है। पुलिस ने चतरा को सफेद जहर की खेती के कलंक से उबारने की योजना बनाते हुए ग्रामीणों व प्रतिनिधियों को अवैध अफीम के खेती पर रोक लगाने को ले जागरुक करने में लग गई है। एसपी के निर्देश पर डीएसपी मुख्यालय वरुण देवगम ने बुधवार को वशिष्ठनगर (जोरी) थाना में क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों व ग्रामीणों के साथ बैठक कर अवैध पोस्ता (अफीम) की खेती से होने वाले हानियों और उसके दुष्परिणामों के प्रति जागरूक किया। बैइक में पदाधिकारियों ने कहा कि जब तक इलाके के जनप्रतिनिधि जागरूक नहीं होंगे तब तक बाहर से आकर यहां के भोले-भाले किसानों को बहला-फुसलाकर पोस्ता की खेती करवाकर अफीम की तस्करी करवाने वाले तस्करों पर नकेल कसना संभव नहीं है। बैठक के दौरान डीएसपी मुख्यालय ने कहा कि जनप्रतिनिधियों के हस्तक्षेप से ही इलाके में तस्करों की एंट्री रोकी जाएगी। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से पुलिस को मदद करने की अपील करते हुए कहा कि जागरूकता अभियान के बाद भी अगर इलाके के किसान तस्करों का सहयोग करते हैं तो पुलिस रहम दिखाने के बजाय सख्ती से निबटने में सक्षम है। बैठक के दौरान जनप्रतिनिधियों ने भी कहा कि वे लोग अपने क्षेत्र के किसानों को पोस्ते की खेती नहीं करने के प्रति जागरूक करेंगे। इस दौरान थाना प्रभारी शिव गोप ने भी जनप्रतिनिधियों से क्षेत्र में सक्रिय अफीम तस्करों और उनके समर्थकों के हर गतिविधि की सूचना पुलिस को देने की अपील की। बैठक में वशिष्टनगर जोरी थाना क्षेत्र के जनप्रतिनिधि और बुद्धिजीवी उपस्थित थे।

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